CAA : झारखंड के नतीजों के बाद भाजपा के अंदर उठे सवाल, पाक हिंदू बोले- कृपया हमारा दर्द समझें
खास बातें
- प. बंगाल में नेताजी सुभाष चंद्र बोस के पोते ने किया सीएए का तीखा विरोध
- आलोचना करने वाले नेता जी के पोते चंद्र कुमार बंगाल में हैं भाजपा के उपाध्यक्ष
- जदयू ने भाजपा को दी अटल से गठबंधन धर्म सीखने की नसीहत
- नागरिकता कानून और एनआरसी के खिलाफ छात्रों ने किया प्रदर्शन
झारखंड विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद जहां नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) केखिलाफ भाजपा के अंदर से आवाज उठनी शुरू हुई है, वहीं सहयोगी दलों ने भी तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। पश्चिम बंगाल भाजपा के उपाध्यक्ष और नेताजी सुभाष चंद्र बोस के पोते चंद्र कुमार बोस ने सीएए की खुली आलोचना की है। इस बीच भाजपा की प्रमुख सहयोगी जदयू ने पार्टी को गठबंधन धर्म सीखने की नसीहत दी है।
सीएए पर भाजपा के आक्रामक रुख के बीच इसकेविरोध में पार्टी के अंदर पहली आवाज उस पश्चिम बंगाल से उठी है, जहां पार्टी इसे विधानसभा चुनाव में बड़ा मुद्दा बनाने की तैयारी में है। सीएए की आलोचना करते हुए चद्रकुमार बोस कानून में मुसलमानों को शामिल करने की मांग की।
उन्होंने कहा कि अगर नागरिकता संशोधन कानून किसी धर्म से जुड़ा नहीं है तो इसमें केवल हिंदू, सिख, बुद्ध, ईसाई, पारसी और जैन ही क्यों शामिल हैं। उनकी तरह मुस्लिमों को भी इसमें शामिल क्यों नहीं किया गया। चंद्र बोस ने कहा कि यदि मुसलमानों को उनके गृह देश में सताया नहीं जा रहा है तो वे नहीं आएंगे, इसलिए उन्हें शामिल करने में कोई बुराई नहीं है।
हालांकि, यह पूरी तरह से सच नहीं है। पाकिस्तान और अफगानिस्तान में रहने वाले बलूच के बारे में क्या कहना है? पाकिस्तान में अहमदिया के बारे में क्या कहना है? उन्होंने कहा कि भारत की किसी से अन्य देश से बराबरी या तुलना मत कीजिए, क्योंकि यह सभी धर्मों और समुदायों के खुला हुआ देश है।
जदयू ने दी अटल से गठबंधन धर्म सीखने की नसीहत
इस बीच सीएए-एनआरसी पर राजग की बैठक की मांग करने वाली जदयू ने भाजपा को दिवंगत पीएम अटल बिहारी वाजपेयी से गठबंधन धर्म सीखने की नसीहत दी है। पार्टी के महासचिव केसी त्यागी ने कहा कि कल (बुधवार को) अटलजी का जन्म दिन है।
उनसे गठबंध धर्म सीखना चाहिए। झारखंड के नतीजे ने बताया दिया है कि राजनीति में कोई बड़ा भाई छोटा भाई नहीं होता। सीएए मामले में ही लोजपा ने भी सरकार पर देश में सही संदेश पहुंचाने में नाकाम रहने का आरोप लगाया था।
पहले भी उठी थी आवाज
भाजपा के जब महाराष्ट्र की सत्ता गंवानी पड़ी थी तब भी लोजपा ने राजग की वर्तमान कार्यप्रणाली पर सार्वजनिक तौर पर असंतोष जताया था। उन्होंने राजग की कार्यप्रणाली में सुधार लाने की मांग की थी। पार्टी के लिए मुश्किल यह है कि राजग में शामिल और राजग के बाहर के जिन दलों ने सीएए का समर्थन किया था, अब देशव्यापी प्रदर्शन के बाद यू टर्न ले रहे हैं। बिहार, ओडिशा और आंध्रप्रदेश के सीएम ने अपने राज्यों में एनआरसी लागू नहीं करने की घोषणा की है।
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राज्यपाल को विश्वविद्यालय में दीक्षांत समारोह के लिए आमंत्रित किया गया था। राज्यपाल जैसे ही विवि के गेट पर पहुंचे छात्रों ने ‘भाजपा कार्यकर्ता जगदीप धनखड़ वापस जाओ’ की नारेबाजी की। छात्रों ने ‘नो एनआरसी, नो सीएए’ लिखे पर्चे लिए थे। सोमवार को भी राज्यपाल को यहां विरोध का सामना करना पड़ा था। तब वह छात्रों के उग्र रवैये के कारण कार से उतर नहीं सके थे।
धनखड़ ने ट्विटर पर जताई नाराजगी
इस घटनक्रम से नाराज धनखड़ ने ट्वीट किया, करीब 50 लोगों ने मेरा रास्ता रोका। समूची प्रणाली को बंधक बना दिया गया है। यह बेहद चिंतनीय है। कानून का शासन कहीं नहीं दिखता। कुलपति सुरजंन दास इस घटनाक्रम पर मूक दर्शक बने रहे।
एनआरसी : ममता ने पूछा मोदी और शाह में सच कौन बोल रहा
नर्जी ने नागरिकता कानून के खिलाफ विरोध मार्च का नेतृत्व करते हुए कहा, झारखंड में लोगों ने भाजपा के घमंड का करारा जवाब दिया है। एनआरसी पर पीएम कह रहे हैं कि न कोई चर्चा है और न कोई प्रस्ताव है। वहीं, शाह ने कहा कि देशभर में एनआरसी लागू होगा। बनर्जी ने कहा, भाजपा भारत को विभाजित करने की कोशिश कर रही है।
केरल, गुजरात में भाजपा का अभियान
भाजपा ने मंगलवार को केरल में नागरिकता कानून के समर्थन में जनजागरण कार्यक्रम किया। पार्टी के वरिष्ठ नेता राजशेखरन ने बताया कि पार्टी सीएए पर समर्थन के लिए गोष्ठियों, मंचों पर विचार विमर्श और एक ता मार्च निकालेगी और विपक्ष के इस मामले में झूठ को बेनकाब करेगी।
वहीं, एयरपोर्ट पर कर्नाटक के सीएम येदियुरप्पा को कानून का विरोध कर रहे युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने काले झंडे दिखाए। गुजरात में भी भाजपा ने राज्य के 33 जिलों में इस कानून के समर्थन में कई कार्यक्रम आयोजित किए गए।
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प्रशांत किशोर ने राहुल गांधी को कहा शुक्रिया
जदयू नेता प्रशांत किशोर ने एनआरसी का विरोध करने पर कांग्रेस को धन्यवाद दिया है। उन्होंने ट्वीट किया, सीएए और एनआरसी के खिलाफ आंदोलन में शामिल होने के लिए शुक्रिया राहुल गांधी। आप जानते हैं कि जन आंदोलन के आलावा ऐसे राज्यों की जरूरत है, जो एनआरसी को ‘न’ कह सकें। उम्मीद है कि जिन राज्यों में कांग्रेस की सरकार है, वे आधिकारिक तौर पर एनआरसी लागू नहीं करने का एलान करेंगे।
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सैफ ने भी जताई चिंता
अभिनेता सैफ अली खान ने कहा, देशभर में सीएए को लेकर चल रहे विरोध प्रदर्शनों से बतौर नागरिक वह चिंतित हैं। खान ने कहा कि कई चीजें सोचने का कारण होती हैं।
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कृपया हमारा दर्द समझें : पाक हिंदू
राष्ट्रीय राजधानी के विभिन्न इलाकों में रहने वाले पाकिस्तानी हिंदुओं ने अपील की है कि लोग उनका दर्द समझें और नागरिकता कानून का विरोध नहीं करें। 40 वर्षीय मीरा दास ने कहा, हम अपना घर छोड़कर यहां आए। सब कुछ पाकिस्तान में रह गया।
यही जगह हमारा घर है और अगर आप हमें नहीं स्वीकारेंगे तो हम कहां जाएंगे। हमारी तकलीफ समझने की कोशिश कीजिए। मीरा ने अपनी पोती का नाम नागरिकता रखा है। एक और शरणार्थी सोना दास ने कहा कि क्या आप हमारी तकलीफों को जानते हैं, उसे लेकर तो आपने कभी विरोध नहीं किया। इस कानून से हमें नई जिंदगी मिली है।