बजटः दिल्ली-एनसीआर में कनेक्टिविटी को अब मिलेगी तीन गुना रफ्तार 

बजटः दिल्ली-एनसीआर में कनेक्टिविटी को अब मिलेगी तीन गुना रफ्तार 
  • पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में इस बार एनसीआरटीसी के बजट में करीब तीन गुना बढ़ोतरी
  • पिछली बार दिए थे 824 करोड़, अब 2,487 करोड़ रुपये का किया प्रावधान

दिल्ली-एनसीआर पिछले वित्त वर्ष की तुलना तीन गुना रफ्तार से उड़ान भरने को तैयार है। रैपिड रेल एनसीआर के शहरों की नजदीकी बढ़ाएगी। बीते वित्तीय वर्ष की तुलना में इस बार केंद्र सरकार ने बजटीय आवंटन 824 करोड़ से बढ़ाकर 2,487 करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव किया है। इसका करीब 80 फीसदी हिस्सा नई लाइनों के विस्तार पर खर्च होगा।

केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में एनसीआर के शहरों का संपर्क बेहतर करने के लिए गठित नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (एनसीआरटीसी) को 2487.40 करोड़ रुपये के आवंटन का प्रस्ताव किया है। पिछले वित्तीय वर्ष में यह रकम 974 करोड़ रुपये थी, जिसे संशोधित बजट में घटाकर 824 करोड़ रुपये कर दिया गया था। बजट में आवटित 2487 करोड़ रुपये में से सिर्फ 398 करोड़ रुपये ही राजस्व खर्च होगा। बाकी 2,089 करोड़ रुपये कॉरीडोर तैयार करने पर खर्च होंगे।

मंत्रालय अधिकारियों के मुताबिक, एनसीआरटीसी प्राथमिकता के आधार पर दिल्ली-मेरठ रैपिड रीजनल ट्रांसपोर्ट सिस्टम (आरआरटीएस) पर काम कर रहा है। बजटीय आवंटन का बड़ा हिस्सा इसी कॉरीडोर पर खर्च होना है। वहीं, दिल्ली, हरियाणा व राजस्थान सरकार के मंजूरी मिलने के बाद दिल्ली-अलवर कॉरीडोर की निर्माण से पहले की जियो टेक्निकल एससमेंट आदि दूसरी गतिविधियां जारी हैं। इस वित्तीय वर्ष में जमीन पर काम शुरू होने की भी उम्मीद है। दूसरी तरफ दिल्ली-पानीपत कॅारीडोर की डीपीआर तैयार हो रही है। इसके बाद इस कॅारीडोर पर काम होगा।

एनसीआरटीसी ने कहा…
मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सुधीर शर्मा का कहना है कि तीनों कॉरीडोर अपने शिड्यूल पर हैं। प्रोजेक्ट के लिए बजट बड़ी समस्या नहीं है। तीनों कॉरीडोर तैयार होने के बाद पश्चिमी यूपी से हरियाणा व राजस्थान की आवाजाही तेज व बेहतर होगी।

प्रोजेक्ट के आस-पास वाणिज्यिक गतिविधियों को दिया जाएगा बढ़ावा
उप-नगरीय परिवहन के बेहतरीन मॉडल के तौर पर दिल्ली, उत्तर प्रदेश व हरियाणा के बीच रैपिड रेल चलनी है। आरआरटीएस कॉरीडोर के नजदीक वाणिज्यिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाएगा। इसमें स्थानीयता का खास ख्याल होगा। केंद्र सरकार का मानना है कि इस तरह की गतिविधियों के शुरू होने स्थानीय निवासियों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। साथ ही प्रॉपर्टी की कीमतों में भी उछाल आएगा।

आरआरटीएस के तीन कॉरीडोर

दिल्ली-मेरठ कॉरीडोर
प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। वर्ष 2023 तक साहिबाबाद से दुहाई के बीच का पहला हिस्सा चालू हो जाएगा। जबकि पूरे कॉरीडोर पर 2025 तक रैपिड रेल दौड़ेगी। केंद्रीय बजट से आवंटित रकम का ज्यादातर हिस्सा इसी कॉरीडोर पर खर्च होगा।

दिल्ली-अलवर कॉरीडोर
दिल्ली, हरियाणा व राजस्थान ने डीपीआर को मंजूरी दे दी है। केंद्र से इजाजत मिलनी है। इसके 106 किमी लंबे पहले हिस्से के तौर पर दिल्ली-एसएनबी अर्बन कॉप्लेक्स पर निर्माण से पहले की गतिविधियां भी शुरू हो गईं हैं। उम्मीद है इस साल काम शुरू हो जाएगा।

 दिल्ली-पानीपत कॉरीडोर
दिल्ली, उत्तर प्रदेश व हरियाणा की सहमति के बाद इस कॅारीडोर की डीपीआर तैयार हो रही है। इस साल इसे तैयार कर लिया जाएगा।

रैपिड रेल से 90 मिनट में दिल्ली-मेरठ का सफर
प्रोजेक्ट पर एक नजर
कुल लंबाई 90.05 किलोमीटर
स्टेशनों की संख्या 17
गाजियाबाद में स्टेशन की संख्या 07
ट्रेन में अधिकतम कोच 12
ट्रेन की अधिकतम स्पीड 180 किलोमीटर/घंटा

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