Budget 2021 LIVE: वित्त मंत्री आज पेश करेंगी केंद्रीय बजट; इनकम टैक्‍स में बड़ी राहत मिलने की है उम्‍मीद

Budget 2021 LIVE: वित्त मंत्री आज पेश करेंगी केंद्रीय बजट; इनकम टैक्‍स में बड़ी राहत मिलने की है उम्‍मीद

नई दिल्ली । वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज वित्त वर्ष 2021-22 का केंद्रीय बजट पेश करेंगी। कोरोना संकट से प्रभावित देश की इकोनॉमी को इस बजट से बड़ा बूस्टर मिल सकता है। चालू वित्त वर्ष में कोरोना वैश्विक महामारी की वजह से आए संकुचन से इकोनॉमी को उबारने के लिए सरकार कुछ महत्वपूर्ण घोषणाएं कर सकती हैं। वित्त मंत्री सीतारमण इस बात का संकेत पहले ही दे चुकी हैं कि इस बार का केंद्रीय बजट अभूतपूर्व होगा। विश्लेषकों के मुताबिक मौजूदा परिस्थितियों में सरकार हेल्थकेयर, इन्फ्रास्ट्रक्चर, डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर और डिफेंस सेक्टर में निवेश बढ़ाने का ऐलान कर सकती है। सरकार की कोशिश इसके जरिए इकोनॉमिक रिकवरी को बढ़ावा देने की होगी।

बजट से जुड़ी खास बातें इस प्रकार हैः

  • इस केंद्रीय बजट में सरकार की निगाह विनिवेश के जरिए ज्यादा संपत्ति के सृजन पर लगी होगी।
  • इस साल स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार केंद्रीय बजट का दस्तावेजों पर प्रकाशन नहीं होगा। सरकार ने कोरोना संकट को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया है।
  • इससे पहले सीतारमण ने बही-खाते के जरिए लेदर ब्रीफकेस में बजट दस्तावेज लाने की वर्षों पुरानी परंपरा को तोड़ा था। इसके स्थान पर उन्होंने पारंपरिक बही-खाता का इस्तेमाल किया था।

यहां देख सकते हैं वित्त मंत्री का बजट भाषण लाइवः 

सीतारमण अपना तीसरा और नरेंद्र मोदी सरकार का कुल नौवां (एक अंतरिम बजट सहित) केंद्रीय बजट पेश करेंगी। इस बजट से आम लोगों, मध्यम वर्ग, किसानों, उद्यमियों और विशेषज्ञों को काफी उम्मीदें हैं। विश्लेषकों के मुताबिक सरकार नौकरियों के सृजन, ग्रामीण विकास, विकास से जुड़ी योजनाओं, औसत टैक्सपेयर के हाथ में अधिक पैसे देने के लिए कदम उठा सकती है। इसके अलावा विदेशी संस्थागत निवेशकों को आकर्षित करने के लिए भी कदम उठाए जा सकते हैं।

इससे पहले वित्त मंत्रालय ने ट्वीट कर कहा थाः 

विशेषज्ञों और अर्थशास्त्रियों का कहना है कि यह बजट इकोनॉमी के दोबारा तेज वृद्धि हासिल करने के लिहाज से सबसे अहम होगा। उल्लेखनीय है कि देश की इकोनॉमी को कोरोना महामारी और उसे फैलने से रोकने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन की वजह से काफी अधिक नुकसान हुआ है। ऐसे में भारत को निर्धारित समय के भीतर पांच ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने के लिए सरकार को इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र पर खर्च बढ़ाने की दरकार होगी।