बजट 2020 : किसान, ट्रेन, कृषि, उड़ान और कोल्ड चेन की व्यवस्था बदलेगी ग्रामीण भारत की तस्वीर

बजट 2020 : किसान, ट्रेन, कृषि, उड़ान और कोल्ड चेन की व्यवस्था बदलेगी ग्रामीण भारत की तस्वीर

  • बाजार और वेयरहाउस पर रहेगा फोकस
  • किसानों से सीधे जुड़ेंगे महिलाओं के समूह
  • जैव उत्पादों की ऑनलाइन मार्केट को प्रोत्साहन

सरकार ने नए दशक के पहले बजट में किसानों को बाजार  और भंडारण क्षमता (वेयरहाउस) मुहैया कराने पर विशेष जोर दिया है। कृषि उत्पादों को उपभोक्ताओं तक पहुंचाने के लिए विशेष किसान ट्रेनें और कृषि उड़ान सेवाओं की घोषणा भी की गई है। महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों को विभिन्न ग्रामीण भंडारण योजनाओं से जोड़ा जाएगा। इसमें कोई शक नहीं कि अगर इन योजनाओं को पारदर्शिता के साथ जमीन पर उतारा गया तो खेती-किसानी की तस्वीर बदलने और आमदनी दोगुनी करने के लक्ष्य को हासिल करने में कोई मुश्किल नहीं होगी।

केंद्रीय वित्त मंत्री ने कृषि की दशा और दिशा बदलने के लिए 16 बिंदु का एक्शन प्लान सामने रखा। इसके तहत उन राज्यों को विशेष प्रोत्साहन दिया जाएगा, जो केंद्र सरकार के तीन मॉडल कानूनों को अच्छी तरह से लागू करेंगे। सरकार ने किसानों की आय बढ़ाने के लिए अन्नदाता और ऊर्जादाता स्कीम को एक छतरी के नीचे लाने का फैसला किया है। इसके तहत किसान अपनी ऊसर, बंजर और अनुपजाऊ व खाली भूमि पर सौर ऊर्जा उत्पादन इकाई लगा सकेंगे। वे इस बिजली को ग्रिड को भी बेच सकेंगे।

पीएम कुसुम सोलर पंप स्कीम का दायरा बढ़ाने की घोषणा भी की गई है। इस स्कीम के तहत अगले वित्त वर्ष में 20 लाख किसानों की सहायता की जाएगी। नाबार्ड की मदद से देश में ब्लॉक व तालुका स्तर पर कृषि उत्पादों के भंडारण के लिए वेयरहाउस बनाए जाएंगे। फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया  भी अपनी जमीन पर वेयरहाउस बनाएगा। कृषि के लिहाज से खास बात यह रही कि डेयरी उत्पाद, सब्जी व जल्दी खराब होने वाली वस्तुओं को बाजार तक पहुंचाने के लिए रेलवे विशेष किसान ट्रेन चलाएगा।

ओडीएफ प्लस के लिए काम करेगी सरकार

वित्त मंत्री ने बजट पेश करते हुए कहा कि सरकार ओडीएफ व्यवहार को बनाए रखने और इसे सुनिश्चित करने के लिए कि कोई व्यक्ति इससे अछूता न रहे इसलिए ओडीएफ प्लस के लिए वचनबद्ध है। तरल और धूसर जल प्रबंधन की दिशा में और अधिक कार्य किए जाने की आवश्यकता है। मुख्य ध्यान ठोस अपशिष्ट जमा करने, स्रोत पर ही अलग करने और उसके शोधन पर होगा।

उन्होंने कहा, वर्ष 2020-21 में स्वच्छ भारत अभियान के लिए कुल 12300 करोड़ रुपये के आवंटन का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि सभी परिवारों को पाइपलाइन के जरिए जलापूर्ति करने के उद्देश्य से जलजीवन अभियान के लिए 3.60 लाख करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। इस योजना में स्थानीय जलस्रोतों को बढ़ाने, मौजूदा स्रोतों को रिचार्ज करने जैसी प्रोत्साहन गतिविधियां शामिल हैं। 10 लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहरों को इसके लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

जमीन पट्टे पर तीन आदर्श कानून अपनाएं राज्य

सरकार ने राज्यों से कहा है कि वह कृषि संबंधी तीन आदर्श केंद्रीय कानून को अपनाएं। साथ ही कृषि की लागत को कम करने के लिए सरकार ने पानी के उचित इस्तेमाल और खाद का संतुलित इस्तेमाल के लिए प्रोत्साहित करने का प्रस्ताव दिया। रासायनिक खाद का इस्तेमाल कम से कम करने और जैविक खाद को बढ़ावा देने को कहा।

केंद्र सरकार भी लाई ओडीओपी योजना

उत्तर प्रदेश सरकार की तर्ज पर ही केंद्र सरकार ने बागवानी उत्पादों के लिए एक जिला-एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना प्रारंभ करने की घोषणा की है। हॉर्टीकल्चर सेक्टर का उत्पादन 311 मिलियन मीट्रिक टन की मात्रा को पार कर चुका है। प्रत्येक जिले में एक विशिष्ट बागवानी उत्पाद को प्रोत्साहित किया जाएगा। इससे हर जिले में ट्री कवर भी बढ़ेगा।
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