CJI गवई पर हमले की कोशिश पर भड़कीं बसपा सुप्रीमो मायावती, घटना का बताया बेहद शर्मनाक

CJI गवई पर हमले की कोशिश पर भड़कीं बसपा सुप्रीमो मायावती, घटना का बताया बेहद शर्मनाक

सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश बी आर गवई पर सोमवार को हमले की कोशिश की गई. जिस पर सियासी दलों की ओर से तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली है. बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने भी घटना पर नाराजगी जताई और इस घटना को शर्मनाक बताते हुए मामले को संज्ञान में लेने की मांग की.

मायावती ने हमले को बताया शर्मनाक

बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने अधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा- ‘भारत के प्रधान न्यायाधीश  बीआर गवई के साथ आज कोर्ट में सुनवाई के दौरान उन पर अभद्रता करने की कोशिश अति-दुखद तथा इस शर्मनाक घटना की जितनी भी निंदा की जाए वह कम है. सभी को इसका उचित और समुचित संज्ञान ज़रूर लेना चाहिये.’

अखिलेश यादव ने की हमले की निंदा

वहीं समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी इस हमले की निंदा की है. उन्होंने कहा कि पीडीए समाज का अपमान करने वाले ऐसे असभ्य लोग दरअसल अपने दंभ और अहंकार के मारे होते हैं. इनकी प्रभुत्ववादी सोच नफरत को जन्म देती है, जो देश के सर्वोच्च न्यायिक पद पर बैठे व्यक्ति के लिए जितनी होती है, उतनी ही समाज के सबसे कमजोर अंतिम व्यक्ति के लिए भी.

ऐसे लोग वर्चस्ववाद की बीमारी से घोर ग्रसित होते हैं. अखिलेश ने लिखा, हम इसलिए कहते हैं, पीडीए का मतलब है ‘पीड़ित, दुखी, अपमानित’. पीडीए समाज की उदारता और भलमनसाहत 5000 सालों से ऐसे लोगों को माफ करती आई है, लेकिन इस हद तक अपमान के बाद पीडीए समाज अब और नहीं सहेगा.

कांग्रेस सांसद इमरान मसूद का बयान

कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने भी इस घटना की आलोचना की और कहा कि देश के इतिहास में ये काले दिन में लिखा जायेगा, एक दलित का बेटा सीजेआई बना है ये इन्हें पसंद नहीं हो रहा है. दलित और मुसलमान होना जैसे गाली देना. देश संविधान से चलेगा, संविधान में सबके अधिकार सुरक्षित हैं. सनातन तो प्रेम का धर्म है आप तो नफरत ही नफरत फैला रहे हैं.

बता दें कि सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान वकील राकेश किशोर ने सीजेआई गईं पर जूता उछालने की कोशिश की थी लेकिन इससे पहले ही सुरक्षाकर्मी हरकत में आ गए और आरोपी को पकड़कर कोर्ट रूम से बाहर ले गए.