बसपा का मुसलमानों से मोह भंग, नई संभावनाओं पर विचार संभव

बसपा का मुसलमानों से मोह भंग, नई संभावनाओं पर विचार संभव

लखनऊ: लोकसभा चुनाव का परिणाम आने के पश्चात बसपा का मुसलमानों से मोह भंग हो गया है। मायावती ने मुस्लिमों को भविष्य में सोच-समझकर टिकट देने की बात कही है। इस बार जिन 20 सीटों पर मुस्लिमों को टिकट दिए गए थे उनमें से 13 पर बसपा को दस प्रतिशत से भी कम वोट मिले हैं। लखनऊ में बसपा के सरवर मलिक को सिर्फ 2.66 प्रतिशत वोट मिले हैं।

डुमरियागंज, महाराजगंज, गोरखपुर, वाराणसी के मुस्लिम प्रत्याशियों को भी पांच प्रतिशत से कम ही वोट मिले। मुरादाबाद में 7.19, रामपुर में 8.23, फिरोजाबाद में 8.21, एटा में 7.08, आंवला में 8.78, पीलीभीत में 7.73, कन्नौज में बसपा के मुस्लिम प्रत्याशी को 6.7 प्रतिशत वोट ही हासिल हुए हैं। मुस्लिमों के रुख को देखते हुए बसपा का मोह मुस्लिमों से भंग हो चुका है और भविष्य में शायद ही मुस्लिमों को बसपा से टिकेत मिले।

विधानसभा चुनाव में भी अब सपा-कांग्रेस के साथ रहने की घोषणा के बाद बसपा भी अस्तित्व बचाने के लिए नई संभावनाओं पर विचार कर सकती है। नई संभावनाओं में भाजपा से गठबंधन की भी चर्चा होने लगी है।

शून्य पर सिमटना बसपा के लिए चिंता की बात
लोकसभा चुनाव में अकेले ही उतरने वाली बसपा के लिए फिर शून्य पर सिमटने से ज्यादा चिंता की बात यह है कि उसका दस प्रतिशत से अधिक जनाधार खिसक गया। 80 में से 79 सीटों पर चुनाव लड़ी बसपा तीसरे-चौथे पायदान पर पहुंच गई। 2019 के चुनाव में सपा-रालोद से गठबंधन के कारण चलते 38 सीटों पर लड़कर दस सीट जीतने वाली बसपा 27 सीटों पर दूसरे स्थान पर रही थी।

बसपा का वोट बैंक भी कम हुआ
वर्ष 2014 में भी कोई सीट न आने पर भी बसपा 34 सीटों पर दूसरे स्थान पर रही थी। बसपा का वोट बैंक भी 19 प्रतिशत से अधिक बना रहा, लेकिन इस चुनाव में घटकर 9.39 प्रतिशत ही रह गया है। सीटवार नतीजे देखने से साफ है कि बसपा को 17 सीटों पर पांच प्रतिशत से भी कम वोट मिला है। इनमें आठ सीटें ऐसी हैं जहां कांग्रेस ने अच्छा प्रदर्शन करने के साथ ही रायबरेली, बाराबंकी, अमेठी और इलाहाबाद सीटें जीत भी ली हैं।

बसपा को कानपुर में 1.36 प्रतिशत, रायबरेली में 2.08, लखनऊ में 2.66, महराजगंज में 2.72, वाराणसी में 2.99, बारांबकी में 3.04, गोंडा में 3.09, अमेठी में 3.52, डुमरियागंज में 3.53, फैजाबाद में 4.07, कैसरगंज में 4.17, देवरिया में 4.37, झांसी में 4.58, बहराइच 4.77 व गोरखपुर में 4.83 प्रतिशत वोट ही मिले हैं।

इन सीटों पर बसपा को खास वोट नहीं मिले
गोरखपुर सीट पर वर्ष 2014 में 16.95 प्रतिशत जबकि बाराबंकी सुरक्षित सीट पर 15.65 प्रतिशत वोट बसपा को मिले थे। दूसरी तरफ 17 सीटों पर लड़ी कांग्रेस को इस बार 22 से 66 प्रतिशत वोट मिले हैं। जिस इलाहाबाद सीट को कांग्रेस ने 48.8 प्रतिशत वोट के साथ जीता है, उस पर बसपा को सिर्फ 5.19 प्रतिशत वोट मिले हैं जबकि एक दशक पहले उसे 18.18 प्रतिशत वोट मिले थे।

 

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