नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में कहा कि सदस्य देशों को एक-दूसरे की सुरक्षा चिंताओं को समझना चाहिए और आतंकवादियों को नामित करने में आपस में सहयोग करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि इस संवेदनशील मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए।

भारत और अमेरिका के प्रस्ताव पर चीन बना रोड़ा

विदेश मंत्रालय की तरफ से यह बयान ऐसे समय में आया है जब एक दिन पहले ही पाकिस्तान स्थित आतंकवादी अब्दुल रहमान मक्की को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी के रूप में नामित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध समिति के सामने पेश भारत और अमेरिकी के संयुक्त प्रस्ताव को चीन द्वारा अवरुद्ध कर दिया गया था। विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी किया, जिसमें शुक्रवार को समाप्त हुए ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) के दो दिवसीय सम्मलेन में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा रखे गए सुझावों और बयानों का विस्तृत ब्योरा दिया गया है।

चीन के दावे के विपरीत उसके प्रस्ताव

चीन द्वारा मक्की को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी नामित करने के प्रस्ताव को अवरुद्ध करने के बाद, भारत सरकार के सूत्रों ने कहा कि यह निर्णय आतंकवाद का मुकाबला करने के चीन के दावे के विपरीत है और उसके ‘दोहरे मापदंड’ का संकेत देता है। सूत्रों ने बताया कि मक्की विशेष तौर पर जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए धन जुटाने, आतंकियों की भर्ती करने और युवाओं को कट्टरपंथी बनाने में शामिल रहा है।