अवैध ईंधन का प्रयोग कर लोगों को बीमारियां परोस रहे हैं ईंट भट्टा संचालक

- सहारनपुर में नकुड़ क्षेत्र में ईंट भट्टे पर लगा अवैध ईंधन का ढेर।
सहारनपुर [24CN]। केंद्रीय हरित न्यायाधिकरण द्वारा पर्यावरण को साफ व स्वच्छ बनाने के लिए एक ओर जहां अवैध खनन पर पूरी तरह रोक लगाने का प्रयास किया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर जनपद में अनेक ईंट भट्टा संचालकों द्वारा अवैध ईंधन का इस्तेमाल कर एक ओर जहां वायु प्रदूषण फैलाया जा रहा है जिसके चलते ईंट भट्टों के आसपास के लोग सांस की बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। इसके बावजूद जनपद में तैनात प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी मूकदर्शक बनकर तमाशा देख रहे हैं।
गौरतलब है कि जनपद में ईंट भट्टा संचालकों ने सरकार द्वारा ईंटों पर जीएसटी बढ़ाने तथा कोयले के दामों में की गई भारी वृद्धि के चलते हड़ताल कर रखी है। इसके बावजूद जनपद के नकुड़, चिलकाना, शेखपुरा, फिरोजाबाद, देवबंद व नानौता में स्थित कई ईंट भट्टा संचालकों द्वारा अवैध ईंधन का प्रयोग कर लोगों को सांस, दमा, खांसी जैसी बीमारियां परोसने का काम किया जा रहा है। बताया जाता है कि इन भट्टों पर जूते, चप्पल, रबड़ आदि का भारी मात्रा में स्टाक किया हुआ है। इन भट्टों पर अवैध ईंधन का प्रयोग होने के चलते वायु प्रदूषण फैलाने का काम किया जा रहा है। वही लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही है तथा फसलों को भी नुकसान हो रहा है। वायु प्रदूषण के चलते इन भट्टों के आसपास के क्षेत्रों में आम, अमरूद व लीची के पेड़ों पर फल नहीं आ रहे हैं, वहीं पशुओं में भी अनेक संक्रामक बीमारियां फैल रही हैं।
सूत्रों का कहना है कि सरकार का प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सुविधाशुल्क लेकर ऐसे भट्टों को एनओसी देने के बाद अवैध ईंधन की ओर से आंख मूंद लेता है। अवैध ईंधन के प्रयोग से जहां ईंटों पर घटिया क्वालिटी ईंटें बनती हैं। वहीं लोगों के स्वास्थ्य से भी खिलवाड़ हो रहा है। नकुड़ क्षेत्र में कई भट्टों पर प्रदूषण फैलाने वाले कबाड़ का ढेर लगा हुआ है। वहीं कबाडिय़ों ने भी भट्टों के आसपास गोदाम बना रखे हैं जिनमें यह अवैध ईंधन एकत्र किया जा रहा है। यदि प्रदूषण विभाग मौके पर जाकर इन भट्टों की जांच करे तो करोड़ों रूपए का अवैध ईंधन पकड़ा जा सकता है। सरकार द्वारा भट्टों में कोयला, लकड़ी व कृषि अवशेष तूड़ी आदि जलाने की अनुमति दे रखी है परंतु लालचवश ईंट भट्टा स्वामी लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रहे हैं।
वहीं किसानों की फसलों व पशुओं को भी भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। बताया जाता है कि जनपद में 50 प्रतिशत भट्टा स्वामियों द्वारा ही कोयला व लकड़ी जलाकर ईंटें पकाई जा रही हैं। इनके अलावा अधिकतर भट्टा स्वामी इस अवैध ईंधन का प्रयोग कर रहे हैं। इस सम्बंध में क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी डी. सी. पांडेय ने बताया कि विभाग द्वारा समय-समय पर जाकर ईंधन की जांच की जाती है। यदि किसी भट्टे पर इस तरह के ईंधन का प्रयोग किया जा रहा है तो वह अवैध है तथा इसकी जांच कराकर ऐसे ईंट भट्टा स्वामियों के खिलाफ संवैधानिक कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।