किसानों के धरना को लेकर BKU अध्यक्ष नरेश टिकैत का यू टर्न, पहले कहा-धरना उठाएंगे; अब बुलाई किसान महापंचायत

मुजफ्फरनगर । केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों का 62 दिन से विरोध कर रहे किसानों के प्रदर्शन के दौरान हिंसा के बाद अब किसान नेता थोड़ा अलग-थलग पड़ गए हैं। किसानों के आंदोलन में 62 दिन तक फ्रंट फुट पर रहने वाले किसानों के बड़े संगठन भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत ने यू टर्न लिया है। मुजफ्फरनगर में गुरुवार को नरेश टिकैट ने पहले कहा कि हम गाजीपुर बॉर्डर से धरना उठाएंगे, लेकिन बाद में उन्होंने अपने गांव सिसौली में अब किसान पंचायत बुलाई है। गुरुवार देर शाम पार्टी प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने यह कहकर असमंजस की स्थिति पैदा कर दी कि आंदोलन जारी रहेगा और अगर कृषि कानून रद न किया गया तो वो आत्महत्या कर लेंगे।
भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने गुरुवार दिन में कहा कि कृषि कानून के विरोध में दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर करीब दो महीने से चल रहा धरना उठा लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि भाकियू का मुखिया होने के नाते वहां धरनारत किसानों से बात की गई है। जनता भी यही चाहती है। दो दिन में आगे की रणनीति तय होगी। मुजफ्फरनगर में भारतीय किसान यूनियन के प्रमुख नरेश टिकैत के आह्वान पर गुरुवार को पंचायत बुलाई गई। पंचायत के दो घंटे बाद फिर इमरजेंसी पंचायत बुलाई गई। इस दौरान नरेश टिकैत ने बड़ा बयान देते हुये कहा कल मुजफ्फरनगर में जीआईसी मैदान में महापंचायत होगी। इसमें सभी किसानों को 11 बजे तक पहुंचने के लिये कहा गया है। कल स्थिति बिगड़े या चाहे कुछ हो किसानों का कोई मतलब नहीं।
चौधरी राकेश टिकैत के इस बयान के बाद सिसौली समेत आसपास के क्षेत्र में असमंजस की स्थिति पैदा हो गई। इसी बीच रात करीब साढ़े आठ बजे भाकियू अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने वहां आपात किसान पंचायत बुला ली। इसमें उन्होंने कहा कि शुक्रवार को दिन में 11 बजे सभी लोग मुजफ्फरनगर के राजकीय इंटर कालेज मैदान में जुटेंगे, किसान आंदोलन में आगे की रणनीति पर वहीं निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि अब रात में गाजीपुर बॉर्डर पर कुछ भी होता है तो इसकी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी। गाजियाबाद में राकेश टिकैत के रोने के बाद माहौल बदल गया। यहां मुजफ्फरनगर के गांव सिसौली में राकेश और नरेश टिकैत के घर बाहर लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा है, जो किसान चले गए हैं वो वापस आने की बात कर रहे हैं।
चुप नहीं बैठेगा किसान : नरेश टिकैत
इससे पहले दोपहर में चौधरी नरेश टिकैत ने सिसौली में ही आयोजित किसान पंचायत में कहा कि किसानों को बदनाम करने और आंदोलन को खत्म करने की साजिश रची गई है। किसान चुप नहीं बैठेगा। टिकैत ने कहा कि शासन-प्रशासन कान खोलकर सुन ले, गलत बात बर्दाश्त नहीं करेंगे और नाक में नकेल डाल देंगे। वर्ष 2022 के चुनाव में जवाब देंगे।
नरेश टिकैत ने कहा कि भाजपा की सरकार को आंदोलन खत्म करने के लिए रास्ता नहीं मिल रहा था। उन्होंने आरोप लगाया कि अपने आदमी आंदोलनकारियों में शामिल कर हिंसा कराई और किसानों और जवानों को भिड़वा दिया। किसान पर जो कलंक लगाया जा रहा है, इसका जवाब भी अन्नदाता देगा। भाकियू कार्यकर्ता लाठी-डंडे चला सकता है, बेरिकेडिंग तोड़ सकता है, लेकिन तिरंगे का अपमान नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि किसानों पर मुकदमे दर्ज किए गए हैं, इससे डरने या भागने की जरूरत नहीं है। भाजपा ने हमें बहकाया और वह सत्ता तक पहुंच गई। सरकार ने लालकिले की रक्षा क्यों नहीं की।
..तो फिर बालियान की भी संपत्ति की जांच होगी
पंचायत में किसानों ने कहा कि केंद्रीय राज्यमंत्री डा. संजीव बालियान दो माह मौन रहे। अब किसानों से वापस आने की अपील कर रहे हैं। कई किसानों ने कहा कि उनका क्षेत्र में आने पर विरोध करेंगे। यदि वह किसान के साथ हैं तो भाजपा से इस्तीफा दें। इस पर चौधरी नरेश टिकैत ने कहा कि सांसद ऐसा क्यों करेंगे। यदि उन्होंने ऐसा किया तो उनकी भी संपत्ति की जांच शुरू हो जाएगी।