मुजफ्फरनगर में बोले भाकियू अध्यक्ष नरेश टिकैत-कृषि कानूनों को रद करना प्रधानमंत्री की अच्छी सोच
- मुजफ्फरनगर में भाकियू अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कृषि कानूनों को वापस लेने के पीएम के कदम के सराहना की है। उन्होंने कहा कि बारूद के ढेर पर बैठे किसानों को बचने के लिए आंदोलन ही एकमात्र रास्ता बताया है।
मुजफ्फरनगर : प्रधानमंत्री नरेंन्द्र मोदी ने तीनों कृषि कानून वापस लेने की घोषणा कर शुक्रवार को मास्टर स्ट्रोक खेल दिया। उधर, तीनों कृषि कानून वापस लेने संबंधी प्रधानमंत्री मोदी के निर्णय का किसानों ने स्वागत करते हुए इसे अन्नदाता की जीत बताया है। वहीं, भाकियू अध्यक्ष नरेश टिकैत ने जहां बारूद के ढेर पर बैठे किसानों को बचने के लिए आंदोलन ही एकमात्र रास्ता बताया है, वहीं उनके छोटे भाई और भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत ने ट्वीट कर कानूनों के संसद में रद होने तक घर वापसी नहीं करने का ऐलान किया है।
पीएम की अच्छी सोच बताया
शुक्रवार को तीनों कृषि कानून वापस लेने की प्रधानमंत्री मोदी की घोषणा पर प्रतिक्रिया देते हुए भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने कहा कि तीनों तीनों कृषि कानून वापस लेना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अच्छी सोच है। प्रधानमंत्री ने बढ़िया कार्य किया है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग प्रधानमंत्री तक गलत संदेश पहुंचा रहे थे, जिसके चलते किसानों को लंबा संघर्ष करना पड़ा। किसान एक साल से लड़ाई लड़ रहे हैं। अब प्रधानमंत्री को सूझबूझ आई है।
जिम्मेदारी सबको निभानी होगी
उन्होंने कहा कि किसानों का आंदोलन खत्म होगा या नहीं यह निर्णय संयुक्त किसान मोर्चा लेगा। किसान जिस मुख्य मांग के लिए धरने पर बैठे थे, वह पूरी हुई है। इसके बाद उन्होंने ट्वीट किया कि, “किसान बारूद के ढेर पर बैठे हैं। आंदोलन से ही जिंदा रहेंगे। यह जिम्मेदारी सबको निभानी होगी। जमीन से मोहभंग करना सरकार की साजिश है। जमीन कम हो रही है। किसान से जमीन बेचने और खरीदने का अधिकार भी यह लोग छीन लेंगे। जाति और मजहब को भूलकर किसानों को एक होना होगा।”
राकेश टिकैत को पीएम की घोषणा पर विश्वास नहीं!
किसान आंदोलन का प्रमुख चेहरा बन चुके भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत को पीएम मोदी की घोषणा पर विश्वास होता नहीं दिख रहा है। उन्होंने संसद में कानूनों के रद होने तक घर वापसी नहीं करने की बात कही है। भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौ. राकेश टिकैत ने ट्वीट करके कहा कि अभी आंदोलन खत्म नहीं होगा। उन्होंने कहा, ‘आंदोलन तत्काल वापस नहीं होगा, हम उस दिन का इंतजार करेंगे जब कृषि कानूनों को संसद में रद किया जाएगा । सरकार एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) के साथ-साथ किसानों के दूसरे मुद्दों पर भी बातचीत करें।’ राकेश टिकैत ने कहा, अभी एमएसपी पर स्थिति साफ नहीं हुई है। जब संसद में तीनों कानून वापस हो जाएंगे तभी आंदोलन भी वापस होंगे। प्रधानमंत्री ने तो 15-15 लाख रुपये देने का भी ऐलान किया था।