तीनो कृषि कानून वापस होने पर भाजपाईयों ने दी अपनी प्रतिक्रिया

तीनो कृषि कानून वापस होने पर भाजपाईयों ने दी अपनी प्रतिक्रिया
  • बड़े दिलवाले है प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी: बिजेन्द्र गुप्ता

देवबंद [24CN]: प्रकाश पर्व के पावन अवसर पर प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा तीन कृषि कानून वापिस लिए जाने पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा के पूर्व नगर महामंत्री बिजेंद्र गुप्ता ने कहा कि ये बडे दिल वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का बड़ा फैसला है। कृषि कानून देश के किसानों की भलाई के लाया गया था। इससे किसानों के जीवन में आमूलचुल क्रांतिकारी बदलाव आने वाला था। इससे किसान सशक्त और सवालमबी बनता, परंतु देश और किसान विरोधी ताकतों तथा विपक्षी दलों ने किसानों को कृषि कानून के खिलाफ दुष्प्रचार कर किसानों को भडका कर किसानों की आड में आंदोलन शुरू कर दिया तथा आंदोलन की आड में हिंसा फैलाकर देश को तोड़ने और बदनाम करने साजिश को अंजाम देने की मंशा लेकर देश का माहोंल खराब कर रहे थे। इसलिये देश की एकता और अखंडता के लिए प्रधानमंत्री ने कृषि कानून को वापिस लेकर उनके मंसूबो को धराशायी कर दिया।

यह एक साहसी और कडा फैसला: शुभलेश शर्मा

शुभलेश शर्मा

वरिष्ठ भाजपा नेत्री शुभलेश शर्मा ने कहा कि यह एक साहसी और कडा फैसला है और प्रधान मंत्री देश और देशवासियों के हित में कड़े और साहसी फैसले लेने से पीछे नहीं हटते है। उनके लिए देश और देशवासी सबसे पहले है। उन्होने कहा कि प्रधान मंत्री नरेंदर मोदी जी को अंहकारी, अत्याचारी और किसान विरोधी बताने वाले तथा चुनाव के डर से कृषि कानून वापिस लेने का राग अलापने वाले विपक्षी नेताओं को आड़े हाथों लेते हुए आईना दिखाया है। उन्होने कहा कि कृषि आंदोलन के दौरान जिस प्रकार विरोधीयो द्वारा प्रधान मंत्री के खिलाफ अपमानजनक अपशब्दो का इस्तेमाल किया गया, उसके बाद भी प्रधान मंत्री ने किसी के खिलाफ ना एक शब्द बोला और ना कोई दंडात्मक कारवाही की।

कृषि कानून वापस लेने के होगें दुरगामी परिणाम: गजराज राणा

भाजपा के पूर्व नगरध्यक्ष गजराज राणा ने कहा कि कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला कोई छोटा मोटा निर्णय नहीं हैं। यह एक अभूतपूर्व निर्णय हैं। इसके दूरगामी परिणाम कैसे होंगे ये तो समय ही बताएगा। पर एक बात तो निश्चित है कि यह हड़बड़ी या नासमझी में उठाया गया कदम नहीं है। इसके पीछे अवश्य ही एकाधिक ठोस कारण होंगे उसका पता भी देश को आज नहीं तो कल पता चल ही जायेगा। इस आंदोलन के जरिये अराजकता फैलाई जा रही थी उस पर कानून वापस होने पर लगाम लग गई है।