राजस्थान में कांग्रेस की इस योजना पर बीजेपी नहीं चलाएगी कैंची-25 लाख तक होगा फ्री इलाज
- राजस्थान के लोगों के लिए खुशखबरी है। मुख्यमंत्री भजनलाल ने पूर्व सीएम गहलोत की योजना को जारी रखने की बात कही है।अब आयुष्मान योजना में इलाज कराने की लिमिट बढ़ाई जाएगी और इलाज कराने के लिए लोगों को 25 लाख रुपये तक दिए जाएंगे।
New Delhi : राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने सोमवार को कहा कि राज्य में पिछली कांग्रेस सरकार द्वारा शुरू की गई कोई भी कल्याणकारी योजना बंद नहीं की जाएगी। सीएम ने सवाई मान सिंह अस्पताल का भी औचक निरीक्षण किया और अधिकारियों को सुविधा की स्थिति में सुधार करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही सीएम भजनलाल शर्मा ने बड़ा ऐलान किया जिससे राजस्थान के लोगों को इलाज कराने में सहूलियत मिलेगी। नवनिर्वाचित सीएम भजनलाल शर्मा ने ऐलान किया है कि अब आयुष्मान भारत योजना के तहत लोगों को 25 लाख रुपये तक फ्री इलाज की सुविधा मिलेगी।
सीएम ने कहा कि, कांग्रेस की गहलोत सरकार की आयुष्मान योजना में इलाज कराने की लिमिट बढ़ाई जाएगी। इसके साथ ही इस योजना के तहत पहले जो दवाइयां मिलती थीं वो भी मिलती रहेगी। राजस्थान में बीजेपी की सरकार बनने के बाद सीएम भजनलाल अब प्रदेश की जनता को बड़ी सौगात देने की तैयारी में हैं।
बंद नहीं होगी कांग्रेस की योजानाएं
सीएम ने ऐलान किया कि उनकी सरकार आयुष्मान भारत योजना में 25 लाख तक फ्री इलाज की तैयारी कर रही है, इसके बाद मुख्यमंत्री ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि जो लोग कहते है कि दवाई मिलना बंद हो जाएगी, वो उनसे कहना चाहते हैं कि जो दवाइयां मिलती थी मिलती रहेंगी। सरकार ने साफ कर दिया है कि वो कांग्रेस सरकार की किसी योजना को बंद नहीं करेगी बल्कि उसे आगे बढ़ाने का काम करेगी। हालांकि सोमवार की शाम को ही मुख्यमंत्री भजनलाल ने गहलोत सरकार में शुरु की गई राजीव गांधी युवा मित्र इंटर्नशिप कार्यक्रम 2023 पर कैंची चला दी और इस योजना को खत्म करने का ऐलान कर दिया था।
राजीव गांधी युवा मित्र इंटर्नशिप योजना को खत्म करने के सरकार के फैसले के बाद पूर्व सीएम अशोक गहलोत सरकार पर तीखा प्रहार किया। बता दें कि यह योजना साल 2021-22 में गहलोत सरकार लेकर आई थी इस योजना के बंद होने से सीधे 5 हजार युवाओं के रोजगार पर इसका असर होगा। इस योजना में युवाओं को सरकार के अलग-अलग विभागों में 6 महीने से दो साल तक की इंटर्नशिप कराई जाती थी। इस दौरान युवाओं को 10 हजार रुपये महीना दिए जाते थे।