ज्योतिरादित्य की बगावत को कैश करेगी BJP, क्या अविश्वास प्रस्ताव की अग्निपरीक्षा में पास होंगे कमलनाथ?

- सीएम कमलनाथ ने सभी 20 मंत्रियों के इस्तीफे ले लिए, नई कैबिनेट बनाने का फैसला किया
- मध्य प्रदेश में 230 विधानसभा सीटें हैं, 2 विधायकों का निधन हो गया था
- फिलहाल, कांग्रेस के 114 विधायक हैं और इस वक्त सरकार बनाने का जादुई आंकड़ा 115 है
- यदि सिंधिया गुट के 17 विधायक साथ छोड़ देते हैं तो राज्य में कांग्रेस के पास 97 विधायक रह जाएंगे
भोपाल/नई दिल्ली
मध्य प्रदेश में बीजेपी ने ज्योतिरादित्य सिंधिया की पिचकारी से कांग्रेस पर रंग डालने की पूरी तैयारी कर ली है। दरअसल मध्य प्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया की बगावत से कांग्रेस की कमनाथ सरकार गहरे संकट में है। सिंधिया और उनके समर्थक 17 विधायकों के दम पर बीजेपी ने मध्य प्रदेश में कमलनाथ की विदाई की स्क्रिप्ट लिख डाली है। ये सभी 17 विधायक बेंगलुरु में भूमिगत है। माना जा रहा है कि सभी इस्तीफे दे सकते हैं, जिससे राज्य में बीजेपी सरकार का रास्ता साफ हो जाएगा।
इस घटनाक्रम ने मुख्यमंत्री कमलनाथ की नींद उड़ा दी है। उन्होंने सोमवार को सभी 20 मंत्रियों के इस्तीफे लिए और नई कैबिनेट का गठन का फैसला किया।सोमवार शाम करीब 7 बजे से कमलनाथ कैबिनेट की बैठक शुरू हुई जो साढ़े चार घंटे तक चली। इसके बाद सभी मंत्रियों ने अपने इस्तीफे सौंप दिए। आज शाम 5 बजे कांग्रेस विधायक दल की बैठक भी बुलाई गई है। जानिए अगर कांग्रेस के 17 विधायक इस्तीफे देते हैं, तो राज्य में सीटों का समीकरण क्या बैठेगा…
अभी कैसा है समीकरण
मध्य प्रदेश में 230 विधानसभा सीटें हैं। राज्य के 2 विधायकों का निधन हो गया जिसके बाद विधानसभा की मौजूदा शक्ति 228 हो गई है। फिलहाल, कांग्रेस के 114 विधायक हैं और इस वक्त सरकार बनाने का जादुई आंकड़ा 115 है। कांग्रेस को 4 निर्दलीय, 2 बीएसपी और एक एसपी विधायक का समर्थन मिला हुआ है। इस तरह कांग्रेस के पास कुल 121 विधायकों का समर्थन है जबकि बीजेपी के पास 107 विधायक हैं।
यदि सिंधिया सपॉर्टर गए तो..
यदि सिंधिया गुट के 17 विधायक साथ छोड़ देते हैं तो राज्य में कांग्रेस के पास 97 विधायक रह जाएंगे। ऐसे में 4 निर्दलीय, 2 बीएसपी और एक सपा विधायक के समर्थन के बाद भी उसके पास 104 विधायकों होंगे। वहीं, बीजेपी के पास 107 विधायक हो जाएंगे। ऐसे में कुल 19 सीट खाली होने से बीजेपी सरकार बना सकती है।
सरकार गिराने के पक्ष में नहीं बीजेपी
मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने हालांकि कहा है कि बीजेपी राज्य में सरकार गिराने के पक्ष में नहीं है। उन्होंने एएनआई से कहा, ‘यह कांग्रेस का आंतरिक मामला है और मैं इस पर कुछ नहीं कहना चाहता। हमने पहले दिन से कहा है कि राज्य में सरकार गिराने के पक्ष में हम नहीं हैं।’
बीजेपी में जाएंगे सिंधिया?
इस बीच ऐसी खबरें आने लगीं कि सिंधिया बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। अटकलें लगाई जाने लगीं कि सिंधिया बीजेपी जॉइन कर केंद्रीय मंत्रिपरिषद में शामिल किए जा सकते हैं। उन्हें यह राज्यसभा सीट के साथ मिल सकता है। इतना ही नहीं, बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने तो यहां तक कह दिया कि सोमवार को ही अमित शाह की मौजूदगी में सिंधिया बीजेपी जॉइन कर सकते हैं। हालांकि ऐसा हुआ नहीं। (इनपुट-एजेंसी से)
मध्य प्रदेश में राजनीतिक संकट गहराया, सभी 16 मंत्रियों ने सीएम कमलनाथ को सौंपा इस्तीफामध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के साथ बैठक में मौजूद सभी 16 मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया है। इनके इस्तीफे को स्वीकार भी कर लिया गया है। बैठक में सिर्फ 16 मंत्री ही मौजूद थे। कांग्रेस के नेता पीसी शर्मा ने कहा कि सभी मंत्रियों ने अपना इस्तीफा सीएम कमलनाथ को दे दिया है। हमने उनसे निवेदन किया है कि राज्य कैबिनेट को फिर गठित किया जाए और यह स्थिति बीजेपी ने बनाया है। उन्होंने दावा किया कि सरकार बची हुई है और पूरे 5 साल चलेगी। इस बीच राहुल गांधी स्थिति पर चर्चा के लिये कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने पहुंचे हैं। कांग्रेस विधायक दल की बैठक मंगलवार को शाम 5:30 बजे होगी।