नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली सरकार पर सोमवार को निशाना साधा। भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने प्रेस कान्फ्रेंस कर कहा कि ‘आप’ के दिल्ली में 500 नए स्कूल बनाने के वादे का क्या हुआ और ढाई साल पहले आई सीवीसी रिपोर्ट पर अब तक क्या कार्रवाई हुई? उन्होंने यह भी कहा कि स्कूलों में 2400 कमरे की जरूरत थी, लेकिन 7180 कमरे बनाए गए।
अभी तक मंत्री पद से हटाए नहीं गए सत्येंद्र जैन
गौरव भाटिया ने कहा कि इससे पहले दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन जिनको कट्टर ईमानदार का सर्टिफिकेट केजरीवाल ने दिया था, वो तीन महीने से जेल में हैं, अभी तक मंत्री पद से हटाए नहीं गए हैं।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि जब बार-बार कठिन प्रश्न भाजपा पूछती है, तो केजरीवाल कहते थे कि विश्व के सबसे बढ़िया शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया हैं। न्यूयार्क टाइम्स में उनका नाम आता है इसलिए राजनीतिक द्वेष से प्रताड़ित किया जाता है। तो अब बात दिल्ली की शिक्षा की ही हो जाए।
‘सीवीसी रिपोर्ट का केजरीवाल ने नहीं लिया संज्ञान’
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि ढाई साल पहले सीवीसी ने दिल्ली विजिलेंस के सचिव को शिक्षा में घोटाले का खुलासा करने वाली रिपोर्ट भेजी थी। अरविंद केजरीवाल ने इस घोटाले का संज्ञान क्यों नहीं लिया? ढाई साल में क्यों कोई कार्रवाई नहीं हुई?
‘500 स्कूल नहीं बने’
गौरव भाटिया ने कहा कि आम आदमी पार्टी का मैनिफेस्टों अगर देखें तो केजरीवाल ने वादा किया था कि 500 नए स्कूल दिल्ली में बनवाएंगे। 500 नए स्कूल तो नहीं बने, लेकिन एक बहुत ही सुनियोजित तरीके से पहले PWD विभाग से रिपोर्ट मंगवाते हैं। अब कहा जाता है कि जो स्कूल हैं उनमें अब अतिरिक्त कमरें बनवाएंगे, नए स्कूल नहीं खुलवाएंगे।
‘लागत में 326 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई’
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि स्कूलों में 2,400 कमरों की जरूरत थी, लेकिन इसको बढ़ाकर 7,180 किया गया। एक अनुमान के मुताबिक, लागत में 326 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई है। यह निविदा राशि का 53 प्रतिशत से अधिक था। लागत में वृद्धि के कारण 6133 कक्षाओं का निर्माण किया जाना था। हालांकि, केवल 4027 कक्षाओं का निर्माण किया गया था।
‘न्यूयार्क टाइम्स का नाम जपना, जनता का माल अपना’
गौरव भाटिया ने आगे कहा, ‘आप’ का तो लगता है बस यही एक सपना, न्यूयार्क टाइम्स का नाम जपना, जनता का माल अपना। ये हैं अरविंद केजरीवाल जी। यही नहीं, दिल्ली सरकार ने 29 वर्षा जल संचयन प्रणाली बनाने के लिए अनुदान लिया था। लेकिन निरीक्षण के दौरान सीवीसी रिपोर्ट के अनुसार केवल दो सिस्टम पाए गए।