उद्धव पर बीजेपी का पलटवार, कहा- दशहरा भाषण में न धर्मनिरपेक्षता थी और ना ही हिंदुत्व

उद्धव पर बीजेपी का पलटवार, कहा- दशहरा भाषण में न धर्मनिरपेक्षता थी और ना ही हिंदुत्व

मुंबई ; मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे रविवार को शिवसेना की वार्षिक दशहरा रैली में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर जमकर बरसे. दादर स्थित सावरकर ऑडिटोरियम में सीएम उद्धव ने हिंदुत्व, कोरोना वैक्सीन, बिहार चुनाव, सुशांत सिंह राजपूत मामले पर बीजेपी को आढ़े हाथों लिया. वहीं, अब बीजेपी ने उद्धव ठाकरे पर पलटवार किया है.

बीजेपी विधायक अतुल भटखल्कर ने कहा कि उद्धव ठाकरे के दशहरा भाषण में ना तो धर्मनिरपेक्षता थी और ना ही हिंदुत्व. हम उद्धव ठाकरे को बताना चाहते हैं कि हम में से जो ‘काली टोपी’ पहनते हैं, उनके पास दिमाग है और हम सीएम पद के लिए हिंदुत्व के मूल्यों का व्यापार नहीं करते हैं.

अतुल भटखल्कर ने कहा कि हम उन लोगों के साथ नहीं हैं, जिन्होंने कसाब को बिरयानी दी थी. हम याकूब मेनन की माफी को लेकर पैरवी करने वालों के साथ नहीं थे. सीएम उद्धव ने उन किसानों के बारे में कुछ भी उल्लेख नहीं किया, जिन्होंने राज्य में सबसे ज्यादा नुकसान झेला है. बता दें कि अपने संबोधन के दौरान मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी पर जमकर बरसे थे. उद्धव ठाकरे ने उन्हें ‘काली टोपी’ वाला कहकर संबोधित किया था.

उद्धव ठाकरे ने कहा कि वह आज राज्यपाल से मोहन भागवत के भाषण को सुनने के लिए कहते हैं, जिसमें उन्होंने कहा कि हिंदुत्व का मतलब मंदिरों में की जाने वाली पूजा नहीं है और आप हमसे कह रहे हैं कि अगर आपने मंदिर नहीं खोले तो आप धर्मनिरपेक्ष बन रहे हैं. अगर आप ‘काली टोपी’ के नीचे कुछ दिमाग रखते हैं तो भागवत का मुख्य भाषण को सुनें.

बीजेपी नेता राम कदम ने घेरा 

बीजेपी नेता राम कदम ने कहा कि शिवसेना ने दशहरा रैली सावरकर सभागार से आयोजित करके हिंदुत्व पर सीख दी. सवाल ये है कि सीएम उद्धव वीर सावरकर की प्रशंसा का एक भी शब्द क्यों नहीं बोले? शायद वो अपने नए दोस्तों से डरते हैं जो वीर सावरकर के खिलाफ अपमानजनक बयानों का बार-बार इस्तेमाल करते रहे हैं.

कोरोना के चलते यहां हुई दशहरा रैली

बता दें कि महाराष्ट्र में उद्धव सरकार ने कोरोना की वजह से राजनीतिक, सामाजिक और धार्मिक सभाओं पर प्रतिबंध लगाया हुआ है, जिसके तहत कोरोना के सुरक्षा प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए दशहरा रैली ऑडिटोरियम में आयोजित करने का फैसला किया गया था. पार्टी की दशहरा रैली पारंपरिक रूप से शिवाजी पार्क मैदान में होती आई है, लेकिन पहली बार दशहरा रैली किसी ऑडिटोरियम में हुई.