BJP सांसद मनोज तिवारी ने अपने इस बयान को बताया ‘फेक न्यूज’, कहा- ‘नोटिस भेजूंगा’

BJP सांसद मनोज तिवारी ने अपने इस बयान को बताया ‘फेक न्यूज’, कहा- ‘नोटिस भेजूंगा’

फेक न्यूज का दौर लगातार बढ़ता जा रहा है. ऐसा ही एक मामला दिल्ली से बीजेपी सांसद और प्रसिद्ध गायक मनोज तिवारी से जुड़ा सामने आया है. डॉलर और रुपये को लेकर उनका एक बयान काफी वायरल हो रहा है, जिसे अब वह पूरी तरह से गलत बता रहे है. मनोज तिवारी का कहना है कि सोशल मीडिया और व्हाट्सएप पर उनके नाम से एक फर्जी बयान वायरल हो रहा था, जिसपर उन्होंने नाराजगी जाहिर की है.

मनोज तिवारी ने कहा कि व्हाट्सएप के जरिए उनके करीबी लोगों ने कुछ स्क्रीनशॉट भेजे, जिनमें उनके नाम से एक बयान चलाया जा रहा था. वह कहते हैं कि जब उन्होंने यह देखा तो वह हैरान रह गए, क्योंकि यह पूरी तरह मनगढ़ंत और गलत बात थी. वायरल किए जा रहे फर्जी बयान में लिखा था, “हम जेब में रुपया लेकर घूमते हैं, हमें डॉलर से क्या लेना-देना. डॉलर महंगा हुआ या सस्ता, इसका हमारे देश के लोगों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता.”

बयान बदलकर चलाई जाती है फेक न्यूज- मनोज तिवारी

मनोज तिवारी ने स्पष्ट किया कि उन्होंने ऐसा कोई बयान कभी नहीं दिया. बल्कि इसके विपरीत, वह लोगों को हमेशा डिजिटल भुगतान के लिए प्रेरित करते रहे हैं. उन्होंने कहा कि मैं लगातार लोगों से कहता हूं कि यह डिजिटल युग है. जेब में बड़ा नकद लेकर घूमने की जरूरत नहीं है. बैंक खाते खोलिए, डिजिटल तरीका अपनाइए और यूपीआई का इस्तेमाल कीजिए, लेकिन कुछ मीडिया वाले बयान का गलत अर्थ निकालकर फेक न्यूज चलाते हैं.

बिना पुष्टि किए चलाई जाती हैं फेक खबरें- मनोज तिवारी

उन्होंने यह भी कहा कि आज के समय में गलत खबरें चलाना लोकतंत्र और जनता, दोनों के लिए चिंता की बात है. दुनिया पहले ही फेक न्यूज की समस्या से जूझ रही है, ऐसे में मीडिया की जिम्मेदारी और बढ़ जाती है कि वह तथ्य आधारित रिपोर्टिंग करें.

गलत खबर चलाने वालों को भेजा जाएगा कानूनी नोटिस- तिवारी

मनोज तिवारी ने कहा कि उनके नाम से गलत खबर चलाने वाले सभी संस्थानों के खिलाफ वह कानूनी कार्रवाई करेंगे. उन्होंने साफ कहा कि जिन पत्रकारों या प्लेटफॉर्म्स ने इस फर्जी बयान को प्रसारित या साझा किया है, उन्हें जल्द ही उनका कानूनी नोटिस मिलेगा. उन्होंने इसे उनकी छवि खराब करने की साजिश बताया और आग्रह किया कि मीडिया खबरें चलाने से पहले तथ्यों की जांच करें.

उन्होंने यह भी अपील की कि जनता सोशल मीडिया पर देखी हर बात पर तुरंत विश्वास न करें. यदि किसी खबर पर संदेह हो तो पहले उसकी पुष्टि करें, तभी उसे आगे बढ़ाएं. फेक न्यूज के इस मामले ने एक बार फिर इस बात की ओर ध्यान आकर्षित किया है कि डिजिटल दौर में सूचना का प्रसार तेज जरूर हुआ है, लेकिन इसके साथ जिम्मेदारी भी उतनी ही आवश्यक है.


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