केरल विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पारित; भाजपा विधायक ने भी किया समर्थन

केरल विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पारित; भाजपा विधायक ने भी किया समर्थन

तिरुवनंतपुरम । केरल में विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर केंद्र के तीनों नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर प्रस्ताव पारित किया गया। मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने यह प्रस्ताव पेश किया था। यह प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित हुआ। सत्तारूढ़ एलडीएफ, विपक्षी कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ तो इसके समर्थन में थे ही। इस दौरान भाजपा के एकमात्र विधायक ने सबको चौंकाते हुए प्रस्ताव का समर्थन कर दिया। समाचार एजेंसी पीटीआइ ने इसकी जानकारी दी है।

पीटीआइ के अनुसार राजगोपाल ने कहा कि उन्होंने इस प्रस्ताव का समर्थन किया। भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘मैंने प्रस्ताव का समर्थन किया और केंद्र सरकार को तीन कृषि कानूनों को वापस लेना चाहिए। यह लोकतांत्रिक भावना है।’ सदन के स्पीकर पी. श्रीरामकृष्णन ने कहा कि सदन द्वारा प्रस्ताव पारित किया  और किसी ने आपत्ति नहीं की। पार्टी के रुख के खिलाफ जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि एक लोकतांत्रिक प्रणाली में, हमें आम सहमति के अनुसार जाने की जरूरत है।

केरल विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा कि वर्तमान स्थिति यह स्पष्ट करती है कि यदि यह आंदोलन जारी रहा, तो यह केरल को गंभीर रूप से प्रभावित करेगा। इस बात में कोई संदेह नहीं है कि अगर अन्य राज्यों के खाद्य पदार्थों की आपूर्ति बंद हो जाती है तो केरल भूखा रहेगा।

विधानसभा में रखा गए इस प्रस्ताव में कहा गया है कि देश एक कठिन परिस्थिति से गुजर रहा है और आंदोलनकारी किसानों के साथ खड़ा होना राज्य सरकार का कर्तव्य है। प्रस्ताव में ये भी कहा गया है कि आंदोलन खराब मौसम के बीच हो रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘तीनों कानून केवल बड़े कॉर्पोरेट घरानों की मदद करेंगे।

चर्चा के दौरान भाजपा विधायक ने किया विरोध

इससे पहले सदन में चार्चा के दौरान भाजपा विधायक ओ राजगोपाल ने केरल के सीएम द्वारा केंद्र के कृषि कानूनों का विरोध करते हुए उठाए गए प्रस्ताव का विरोध किया। उन्होंने कहा कि इसी तरह के कृषि कानूनों का वादा कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में किया था। सीपीआइ (एम) ने भी इस तरह के कानून लाने की मांग की। अब, दोनों दल इसका विरोध कर रहे हैं। किसानों को गुमराह नहीं होना चाहिए।

इस विशेष सत्र के दौरान कांग्रेस और अन्य सभी दलों ने मुख्यमंत्री के इस प्रस्ताव का स्वागत किया। कांग्रेस के उपनेता केसी जोसेफ ने सत्र बुलाने की अनुमति देने में देरी के लिए राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान की आलोचना की। भाजपा के एकमात्र विधायक ओ राजगोपाल ने भी सत्र में भाग विया। कृषि कानून के खिलाफ प्रस्ताव पेश करने के लिए यह एक दिन का विशेष सत्र बुलाया गया था।

केरल मंत्रिमंडल ने राज्य विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने के लिए राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान से सिफारिश की थी। केरल मंत्रिमंडल ने 31 दिसंबर को विशेष सत्र बुलाए जाने के लिए राज्यपाल से बात की थी। बता दें कि इससे पहले, राज्यपाल ने विधानसभा के विशेष सत्र के लिए कैबिनेट की सिफारिश को स्वीकार करने से इनकार कर दिया था।