किसानों के प्रति संवेदनहीन है केंद्र व उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकारें: वर्मा

सहारनपुर। भारतीय किसान यूनियन वर्मा व पश्चिम प्रदेश मुक्ति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भगतसिंह वर्मा ने कहा कि भाजपा की केंद्र व प्रदेश सरकार संवेदनहीन हो गई है। देश और प्रदेश के गन्ना किसान गन्ने का लागत मूल्य भी नहीं मिलने के कारण कर्जमंद होकर आत्महत्या कर रहे हैं। इसके बावजूद केंद्र व प्रदेश सरकारें गन्ना किसानों के दम पर हजारों-लाखों करोड़ रूपए टैक्स प्राप्त कर रही है। राष्ट्रीय अध्यक्ष भगतसिंह वर्मा आज यहां पेपर मिल रोड स्थित कार्यालय पर आयोजित बैठक को सम्बोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि खाद, बीज, कीटनाशक दवा, कृषि यंत्र व डीजल महंगा होने के कारण गन्ना किसानों की लागत 525 रूपए प्रति कुंतल आ रही है। इस हिसाब से गन्ने का लाभकारी मूल्य कम से कम 600 रूपए प्रति कुंतल गन्ना किसानों को मिलना चाहिए। जबकि चीनी मिल मालिक 350 रूपए प्रति कुंतल गन्ना मूल्य भुगतान एक साल बाद किसानों को किश्तों में दे रहे हैं। श्री वर्मा ने कहा कि शुगर कंट्रोल आर्डर 1966 के अनुसार जो चीनी मिल 14 दिन के अंदर गन्ना किसानों को भुगतान नहीं करती, उन्हें 15 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से गन्ना किसानों को ब्याज का भुगतान करना चाहिए। भगतसिंह वर्मा ने कहा कि उत्तर प्रदेश की चीनी मिलों पर अभी भी गन्ना किसानों का पिछले वर्ष का 4200 करोड़ रूपए भुगतान बकाया है।

जबकि गन्ना सीजन चालू हो चुका है और चर्खी-कोल्हू 300 रूपए प्रति कुंतल की दर से किसानों का गन्ना लूट रहे हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की 121 चीनी मिलों पर विगत वर्षों में देरी से किए गए गन्ना मूल्य भुगतान पर लगा ब्याज 16500 करोड़ रूपए बकाया है जिसे दिलाने के लिए हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट ने भी आदेश जारी किए हुए हैं। उन्होंने केंद्र की मोदी व उत्तर प्रदेश की योगी सरकार तथा चीनी मिल मालिकों को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि शीघ्र ही विगत वर्षों का बकाया गन्ना मूल्य भुगतान, बकाया भुगतान और गन्ने का लाभकारी मूल्य 600 रूपए प्रति कुंतल घोषित नहीं किया गया तो भाकियू वर्मा, पश्चिम प्रदेश मुक्ति मोर्चा सभी किसान संगठनों के साथ मिलकर बड़ा आंदोलन शुरू करेगा।

बैठक की अध्यक्षता भाकियू वर्मा के प्रदेश उपाध्यक्ष पं. नीरज कपिल व संचालन आसिम मलिक ने किया। बैठक में मौ. राजा, ऋषिपाल गुर्जर, सुरेंद्र सिंह एडवोकेट, स. गुरविंद्र सिंह बंटी, वसीम जहीरपुर, मौ. मुकर्रम प्रधान, अब्दुल सलाम, जसवीर चौधरी, कपिल चौधरी, चौ. हरवीर सिंह, अमरजीत सिंह राणा, नयन सिंह सैनी, चौ. लहरी सिंह, वीरेंद्र सिंह, विशाल त्यागी, सुभाष त्यागी, चौ. वीरपाल सिंह, मा. राजेश सहित भारी संख्या में किसान मौजूद रहे।