शिक्षक विरोधी है भाजपा सरकार: पांडेय

शिक्षक विरोधी है भाजपा सरकार: पांडेय
  • सहारनपुर में सपा शिक्षक सभा की गोष्ठी व मासिक बैठक को सम्बोधित करते जिलाध्यक्ष चौ. रूद्रसैन।

सहारनपुर [24CN]। समाजवादी शिक्षक सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो. बी. पांडेय ने कहा कि समाजवादी पार्टी में ही शिक्षकों का हित सुरक्षित है क्योंकि सपा ने ही शिक्षकों को सदैव मान-सम्मान देने के साथ ही उनके हितों की रक्षा की है। जबकि भाजपा सरकारें शिक्षकों की जायज मांगों की लगातार अनदेखी करने का काम कर रही है। राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो. बी. पांडेय आज यहां अम्बाला रोड स्थित सपा जिला कार्यालय पर लोकतंत्र बचाने में शिक्षक की भूमिक विषय पर आयोजित गोष्ठी व मासिक बैठक को बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सपा के शासनकाल में शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक का दर्जा दिया गया था परंतु भाजपा ने सत्ता में आते ही उन्हें पदावनत करने का काम किया जिसके चलते अनेक शिक्षामित्रों ने हताशा में आत्महत्या जैसा कदम उठाया। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने 2018 से शिक्षा प्रेरक के पदों को समाप्त कर दिया। साथ ही उनका 25 माह का मानदेय भी नहीं दिया।

शिक्षक सभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जनार्धन यादव व राष्ट्रीय महासचिव कुलदीप यादव ने कहा कि भाजपा सरकार द्वारा वित्तविहीन शिक्षकों का विगत 15 माह का वेतन नहीं दिया गया जिसके चलते वित्तविहीन शिक्षकों के समक्ष आर्थिक संकट गहरा गया है। उन्होंने कहा कि शिक्षक एकजुट होकर शिक्षक विरोधी भाजपा सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए भाजपा सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए सपा को मजबूत बनाने का काम करें।

मासिक बैठक को सम्बोधित करते हुए सपा जिलाध्यक्ष चौ. रूद्रसैन ने कहा कि भाजपा जैसी साम्प्रदायिक, किसान व मजदूर विरोधी पार्टी का सफाया करने में सपा ही सक्षम है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से पार्टी की नीतियों व सिद्धांतों को जन-जन तक पहुंचाने व आगामी 10 अक्टूबर को तीतरो में आयोजित होने वाली विशाल रैली को ऐतिहासिक बनाने का भी आह्वान किया।

गोष्ठी व मासिक बैठक में शिक्षक सभा के मुरादाबाद मंडल अध्यक्ष स्वामी राजवीर सिंह यादव, जिला उपाध्यक्ष हसीन कुरैशी, मीडिया प्रभारी राव वजाहत, आकाश खटीक, लियाकत अली एडवोकेट, मजाहिर राणा, अभिषेक गुर्जर, अब्दुल गफूर, अनुज मदनूकी, वासिल तोमर, इंजी. विजेश शर्मा, ऋषिपाल सिंह, नवीन कुमार, महजबी खान, सोनू चौधरी, अहसान प्रधान सीकरी, अमित चौधरी, गुलजार सलमानी, रामकुमार विश्वकर्मा, फैसल सलमानी, नुसरत साबरी, जमाल साबरी, चौ. जुमला सिंह, कुंवरपाल सिंह आदि सैंकड़ों कार्यकर्ता मौजूद रहे।