भाजप व सपा में महापौर पद के उम्मीदवारों को लेकर खींचतान जारी
सहारनपुर। सहारनपुर नगर के महापौर पद के नामांकन पत्र जमा करने की अवधि मात्र तीन दिन शेष रहने के बावजूद अभी तक केवल बसपा ने ही पूर्व विधायक इमरान मसूद की समधिन खदीजा मसूद को पार्टी का अधिकृत प्रत्याशी घोषित किया है। जबकि केंद्र व प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा के अलावा प्रमुख विपक्षी दल सपा व कांग्रेस ने अभी तक अपने-अपने प्रत्याशियों के पत्ते नहीं खोले हैं जिसके चलते राजनीतिक विश्लेषकों की निगाहें भाजपा तथा समाजवादी पार्टी पर टिकी हुई हैं।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश निर्वाचन आयोग द्वारा सहारनपुर नगर निगम के महापौर व पार्षद पदों के लिए आगामी 4 मई को मतदान सम्पन्न कराया जाएगा। निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी होते ही बहुजन समाज पार्टी ने मुजफ्फराबाद विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक व बसपा के पश्चिमी उत्तर प्रदेश संयोजक काजी इमरान मसूद की समधिन श्रीमती खदीजा मसूद को बसपा का अधिकृत प्रत्याशी घोषित कर एक ओर जहां बाजी मार ली है। वहीं दूसरी ओर पूर्व विधायक इमरान मसूद भी बसपा में अपनी मजबूत पकड़ को साबित करने में कामयाब रहे हैं। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी में वैसे तो महापौर का चुनाव लडऩे के इच्छुक उम्मीदवारों की कतार काफी लम्बी है परंतु प्रबल दावेदारों में निवर्तमान महापौर संजीव वालिया व महानगर के प्रमुख चिकित्सक डा. अजय कुमार सिंह के अलावा वरिष्ठ भाजपा नेता राजकुमार राजू भी शामिल हैं।
माना जा रहा है कि यदि भाजपा ने निवर्तमान महापौर संजीव वालिया पर पुन: दांव नहीं लगाया तो डा. अजय कुमार सिंह भाजपा के प्रत्याशी घोषित हो सकते हैं। बताया जाता है कि डा. अजय कुमार सिंह को विगत चुनाव में भी भाजपा द्वारा महापौर पद का प्रत्याशी बनाने पर गम्भीरता से विचार किया गया था परंतु ऐन मौके पर संजीव वालिया महापौर पद का टिकट हासिल करने में सफल रहे थे। राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि भाजपा हाईकमान एंटी कंबेन्सी से बचने के लिए प्रदेश के अधिकांश नगर निगमों के महापौर पदों पर नए प्रत्याशी उतारने के मूड में है।
बताया जाता है कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के आशीर्वाद के चलते डा. अजय कुमार सिंह का महापौर पद का प्रत्याशी बनना तय है परंतु बताया जाता है कि भाजपा का एक गुट मजबूती के साथ निवर्तमान महापौर संजीव वालिया को प्रत्याशी बनाने की पैरवी करने में जुटा है। इसके अलावा वरिष्ठ भाजपा नेता राजकुमार राजू सवर्णकार समुदाय से ताल्लुक रखने के चलते भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं के सम्पर्क में हैं तथा पार्टी के कई नेता भी उनकी पैरवी मजबूती से करने में जुटे हैं।
उधर समाजवादी पार्टी में भी महापौर पद के लिए सहारनपुर देहात के विधायक आशु मलिक के भाई नूर मलिक, पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के प्रदेश कोषाध्यक्ष इंजी. विजेश शर्मा, पूर्व सांसद बाबू मुल्कीराज सैनी के बेटे विनीत सैनी तथा पूर्व जिला उपाध्यक्ष चौ. अब्दुल गफूर की पत्नी श्रीमती फातिमा को भी प्रबल दावेदार माना जा रहा है। हालांकि चौ. अब्दुल गफूर की पत्नी फातिमा ने बाकायदा महापौर पद के लिए नामांकन पत्र भी खरीद लिया है परंतु राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि जिस तरह मेरठ में सरधना के विधायक अतुल प्रधान की पत्नी सीमा प्रधान को सपा हाईकमान ने प्रत्याशी घोषित किया है।
उसी तरह देर सवेर सहारनपुर में भी सपा विधायक आशु मलिक के भाई नूर मलिक या उनकी पत्नी को प्रत्याशी बनाया जा सकता है। हालांकि विगत विधानसभा चुनाव में अधिकांश मुस्लिम मत मिलने के बावजूद पांच सीटों पर करारी हार के चलते सपा हाईकमान किसी हिंदू प्रत्याशी को भी चुनाव मैदान में उतार सकती है जिसके चलते इंजी. विजेश शर्मा अथवा विनीत सैनी पर भी दांव लगाया जा सकता है ताकि हिंदू मतों में सेंध लगाकर पार्टी की नैय्या को पार लगाया जा सके।