Bikru Case Update: विकास दुबे के बारे में नहीं जानता था, लखनऊ जेल में बंद इंस्पेक्टर ने कही ये बात

Bikru Case Update: विकास दुबे के बारे में नहीं जानता था, लखनऊ जेल में बंद इंस्पेक्टर ने कही ये बात

कानपुर । बिकरू कांड को लेकर गठित स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआइटी) की जांच में दोषी ठहराए गए इंस्पेक्टर इंद्रपाल सरोज के शनिवार को बयान दर्ज किए गए। इंद्रपाल इस समय भ्रष्टाचार के मामले में लखनऊ जेल में हैं। जांच अधिकारी एसपी पूर्वी शिवाजी ने अदालत के आदेश पर जेल जाकर इंस्पेक्टर के बयान दर्ज किए।

लखनऊ जेल में बंद है दारोगा इंद्रपाल

वरिष्ठ आइएएस अधिकारी संजय भूसरेड्डी की अध्यक्षता में गठित एसआइटी ने बिकरू कांड में 37 पुलिसकॢमयों पर आरोप तय किए थे। उन्हेंं विकास दुबे और जय बाजपेयी का सहयोगी माना गया था। इनमें आठ पुलिस कॢमयों को वृहद, छह को लघु और 23 के खिलाफ विभागीय जांच के बाद कार्रवाई की संस्तुति की गई थी। इनमें कृष्णानगर (लखनऊ) थाने के तत्कालीन दारोगा इंद्रपाल सरोज का नाम भी था।

जानबूझकर नहीं किया ऐसा

इंद्रपाल ने विकास दुबे के शस्त्र लाइसेंस की फाइल की जांच कर उसे क्लीनचिट दी थी। वह उस समय प्रशिक्षु दारोगा था। उसकी रिपोर्ट के आधार पर ही विकास दुबे के नाम शस्त्र लाइसेंस जारी हुआ था। इंद्रपाल इस समय भ्रष्ट्राचार के एक मामले में लखनऊ जेल में है। शनिवार को एसपी पूर्वी शिवाजी अदालत के आदेश पर लखनऊ जेल पहुंचे और उसके बयान दर्ज किए। सूत्रों के मुताबिक अपने बयानों में इंद्रपाल ने कहा है कि उसे विकास की क्राइम हिस्ट्री की जानकारी नहीं थी। उसने जानबूझकर ऐसा नहीं किया।

रिश्वत लेते वीडियो वायरल होने पर हुई थी गिरफ्तारी

थाना तालग्राम के चौखटा निवासी मायादेवी ने जमीन पर कब्जा दिलाने के लिए तत्कालीन थाना प्रभारी इंद्रपाल सरोज ने 50 हजार रुपये में सौदा तय किया था। माया के बेटे सूर्यप्रताप और इंस्पेक्टर के बीच वार्ता और रुपये गिनने का वीडियो वायरल हो गया था। इसके बाद तत्कालीन एसपी कन्नौज अमरेंद्र प्रसाद सिंह ने उन्हेंं लाइन हाजिर करके जांच कराई थी। जांच में इंस्पेक्टर दोषी पाए गए और 11 नवंबर 2020 को मुकदमा दर्ज कर उन्हेंं गिरफ्तार कर लिया गया। इंद्रपाल सरोज मूलत: जनपद प्रतापगढ़ के थाना हथिगवां के गांव रामापुुर सुवानारी के रहने वाले हैं।