Bihar Politics: बिहार में आरएसएस की बड़ी बैठक, विपक्ष ने सीएम नीतीश कुमार को नजर रखने की दी नसीहत
पटना । राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख डॉ. मोहन भागवत आज शुक्रवार (4 दिसंबर) को तीन दिवसीय दौरे पर पटना पहुंच गए हैं। उनके आने के पहले से ही बिहार की सियासत में उबाल है। आरएसएस की बैठक पर सबकी नजर टिकी है। अरसे बाद बिहार में हो रहे आरएसएस की बैठक और माेहन भागवत के बिहार दौरे को लेकर विपक्ष ने बीजेपी और सीएम नीतीश कुमार पर जमकर निशाना साधा है। राजद और कांग्रेस ने बीजेपी पर सांप्रदायिक राजनीति करने का आरोप लगाया है।
भागवत पर लगाया आरोप
राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने सीएम नीतीश कुमार पर हमला बाेला है। कहा है कि मोहन भागवत आ रहे हैं। सीएम नीतीश कुमार उनसे मिलने प्रत्यक्ष तौर पर तो नहीं जाएंगे। हां, रात के अंधेरे में उनसे मुलाकात करेंगे और भागवत से सरकार चलाने का मंत्र लेंगे। उन्होंने आगे कहा है कि भागवत आ रहे हैं तो 19 लाख रोजगार की बात तो करेंगे नहीं। वे उन्माद और फसाद फैलानेवाले ही बातें करेंगे।
नीतीश को नसीहत
उधर, कांग्रेस नेता व विधान पार्षद प्रेमचंद मिश्रा ने कहा है कि मोहन भागवत जब भी आते हैं, सांप्रदायिकता की बातें करते हैं। भाजपा अपना सांप्रदायिक एजेंडा बिहार में भी तेजी से फैलाना चाह रही है। आखिर बिहार में चुनाव के बाद यहां बैठक करने का क्या मतलब है। नीतीश कुमार को आरएसएस की मीटिंग पर नजर रखनी चाहिए। इसपर बीजेपी ने पलटवार किया है कि बिहार किसी की जागीर नहीं है। अपने देश में कहीं भी आने-जाने के लिए हमें कांग्रेस के परमिशन की जरुरत नहीं है।
भैय्याजी जोशी भी मौजूद रहेंगे
सरसंघचालक केशवपूरम, बाइपास स्थित सरस्वती विद्या मंदिर में बिहार -झारखंड के कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करेंगे। शनिवार (5 दिसंबर) और रविवार (6 दिसंबर) को होने वाली बैठक में भागवत के साथ संघ के सरकार्यवाह भैय्याजी जोशी भी मौजूद रहेंगे।
संघ के दक्षिण बिहार प्रांत प्रचार प्रमुख राजेश पांडेय ने बताया कि कोरोना की वजह से प्रतिवर्ष दीपावली पर होने वाली राष्ट्रीय बैठक अब क्षेत्रीय बैठक में तब्दील हो गई है। इसी सिलसिले में पांच और छह दिसंबर को अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की क्षेत्र स्तर की बैठक पटना में होगी।
शीर्ष 40 कार्यकर्ताओं को ही बुलाया
कोरोना संक्रमण की आशंका को देखते हुए बैठक में बिहार व झारखंड के संघ से जुड़े शीर्ष 40 कार्यकर्ताओं को ही बुलाया गया है। इसमें प्रांत संघचालक, कार्यवाह और प्रचारक ही शामिल होंगे।
बता दें कि संघ ने अपने कार्यों के सुचारु संचालन के लिए देश को 11 क्षेत्रों में बांट रखा है। इसी के तहत उत्तर-पूर्व क्षेत्र (बिहार-झारखंड) की बैठक का आयोजन पटना में किया जा रहा है। इसी तरह की बैठकें देश के अन्य क्षेत्रों में भी हो रही है।
कोरोना से प्रभावित जनजीवन पर भी होगी चर्चा
बैठक में वार्षिक कार्यक्रमों की समीक्षा के अलावा कोरोना काल में स्वयंसेवकों द्वारा किए गए सेवा कार्यों पर चर्चा होगी। यही नहीं, कोरोना से प्रभावित जनजीवन, शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वावलंबन, स्वदेशी जैसे गंभीर और समसामयिक विषयों पर भी चर्चा प्रस्तावित है।
उल्लेखनीय है कि संघ के कार्यो की समीक्षा और आगे के कार्यो की योजना के लिए कार्यकारी मंडल की नियमित बैठक दीपावली के आसपास होती रही है।