बिहारः जेल में नहीं मिलीं सुविधाएं तो भूख हड़ताल पर बैठे पप्पू यादव

बिहारः जेल में नहीं मिलीं सुविधाएं तो भूख हड़ताल पर बैठे पप्पू यादव
  • पप्पू यादव से ट्विटर हैंडल से किए गए ट्वीट में लिखा गया है कि ‘वीरपुर जेल में मैं भूख हड़ताल पर हूं. न पानी है, न वॉशरूम है, मेरे पांव का ऑपरेशन हुआ था, नीचे बैठ नहीं सकता, कमोड भी नहीं है.’

नई दिल्ली: बीजेपी सांसद राजीव प्रताप रूडी के यहां खड़ी एंबुलेंस का मामला उठाने के बाद चर्चा में आए पूर्व सांसद पप्पू यादव इस वक्त जेल में हैं. हाल ही में पटना पुलिस ने उन्हें लॉकडाउन का उल्लंघन करने के मामले में हिरासत में ले लिया था. उसके बाद 32 साल पुराने एक केस में पप्पू यादव को गिरफ्तार कर लिया गया. जन अधिकार पार्टी के प्रमुख पप्पू यादव अभी वीरपुर की जेल में हैं. और उन्होंने यहां अब भूख हड़ताल शुरू कर दी है. पप्पू यादव का कहना है कि जेल में उन्हें ना पीने का पानी दिया गया और ना ही टॉयलेट में कमोड की व्यवस्था है. उन्होंने अपने भूख हड़ताल की जानकारी एक ट्वीट करके दी.

बुधवार सुबह पप्पू यादव की ओर से ट्वीट किया गया, जिसमें उन्होंने जेल के हाल को बयां किया है. पप्पू यादव से ट्विटर हैंडल से किए गए ट्वीट में लिखा गया है कि ‘वीरपुर जेल में मैं भूख हड़ताल पर हूं. न पानी है, न वॉशरूम है, मेरे पांव का ऑपरेशन हुआ था, नीचे बैठ नहीं सकता, कमोड भी नहीं है.’ पप्पू यादव ने आगे लिखा कि ‘कोरोना मरीज की सेवा करना, उनकी जान बचाना, दवा माफिया, हॉस्पिटल माफिया, ऑक्सीजन माफिया, एम्बुलेंस माफिया को बेनकाब करना ही मेरा अपराध है. मेरी लड़ाई जारी है!’

बता दें कि मंगलवार को जन अधिकार पार्टी के संरक्षक और पूर्व सांसद पप्पू यादव को गिरफ्तारी के बाद 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. इससे पहले मंगलवार को पटना से हुई गिरफ्तारी के बाद पप्पू यादव के समर्थकों के भारी विरोध के बीच मधेपुरा ले जाया गया. रात के लगभग 10:50 बजे 30 से अधिक गाड़ियों के काफिले के साथ पप्पू यादव को मधेपुरा कोर्ट लाया गया. पप्पू यादव की पेशी के लिए रात 11 बजे मधेपुरा सिविल कोर्ट को खोला गया.

बता दें कि कोरोना काल में पप्पू यादव लगातार बिहार के लोगों की मदद करते हुए नजर आ रहे थे, सोशल मीडिया पर भी उनके द्वारा किए जा रहे कामों की चर्चा है. इसी बीच बीते दिनों जब पप्पू यादव ने बीजेपी नेता राजीव प्रताप रूडी से जुड़ी कुछ बेकार पड़ी एम्बुलेंस का मुद्दा उठाया, तब से उनपर निशाना साधना शुरू हो गया.


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