नक्सलवाद पर सबसे बड़ी चोट! छत्तीसगढ़ में 170 नक्सलियों ने डाला हथियार, शाह बोले- ऐतिहासिक दिन

छत्तीसगढ़ में 170 नक्सलियों के आत्मसमर्पण को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ऐतिहासिक दिन बताया है, जिसके साथ ही अबूझमाड़ और उत्तरी बस्तर को नक्सल मुक्त घोषित किया गया। शाह ने इस कदम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ जारी लड़ाई में निर्णायक मोड़ बताया, जो 2026 तक नक्सलवाद के पूर्ण खात्मे के सरकारी संकल्प को दर्शाता है।
यह हालिया आत्मसमर्पण छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में 10 महिलाओं सहित 27 माओवादियों द्वारा सुरक्षा बलों के सामने आत्मसमर्पण करने के एक दिन बाद हुआ है। इस समूह में उग्रवादी नेटवर्क की सबसे खतरनाक इकाइयों में से एक, खूंखार पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (पीएलजीए) बटालियन-01 के दो कट्टर कार्यकर्ता भी शामिल थे। आत्मसमर्पण करने वाले और मुख्यधारा में शामिल हुए माओवादियों का स्वागत करते हुए, शाह ने हिंसा का त्याग करने और भारत के संविधान में आस्था रखने के उनके निर्णय की सराहना की।
शाह ने कहा कि मैं हिंसा का त्याग करने और भारत के संविधान में आस्था रखने के उनके निर्णय की सराहना करता हूँ। यह इस बात का प्रमाण है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा इस समस्या को समाप्त करने के अथक प्रयासों के कारण नक्सलवाद अब अपनी अंतिम साँसें ले रहा है। शाह ने आगे घोषणा की कि छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ और उत्तरी बस्तर को आज नक्सली आतंक से मुक्त घोषित कर दिया गया है। उन्होंने कहा, “यह बेहद खुशी की बात है कि छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ और उत्तरी बस्तर, जो कभी आतंकवादियों के गढ़ थे, आज नक्सली आतंक से मुक्त घोषित कर दिए गए हैं।”
उन्होंने कहा कि दक्षिण बस्तर में अब नक्सलवाद के केवल निशान ही बचे हैं और उन्होंने संकल्प लिया कि सुरक्षा बल जल्द ही इस समस्या का सफाया कर देंगे। उन्होंने कहा, “अब दक्षिण बस्तर में नक्सलवाद का एक अंश बचा है, जिसे हमारे सुरक्षा बल जल्द ही मिटा देंगे।” गृह मंत्री ने आँकड़े साझा करते हुए बताया कि जनवरी 2024 में छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद से अब तक कुल 2,100 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है, 1,785 गिरफ्तार किए गए हैं और 477 का सफाया किया गया है। उन्होंने कहा कि ये परिणाम 31 मार्च, 2026 से पहले नक्सलवाद को खत्म करने के सरकार के दृढ़ संकल्प को दर्शाते हैं।