पीएफआई को लेकर बड़ा खुलासा, चार खातों में हुई थी तीन करोड़ की फंडिंग, जल्द खुलेगा पूरा राज

पीएफआई को लेकर बड़ा खुलासा, चार खातों में हुई थी तीन करोड़ की फंडिंग, जल्द खुलेगा पूरा राज

नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में हिंसा कराने के लिए केरल के चरमपंथी इस्लामी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) द्वारा मेरठ के 12 बैंक खातों में फंडिंग की पुष्टि होने पर खलबली मच गई है। बृहस्पतिवार को 12 में से चार खातों में तीन करोड़ रुपये की फंडिंग की जानकारी सामने आई है। पुलिस के अनुसार पीएफआई ने जहां मनी ट्रांसफर के लिए फर्जी संगठन बनाए थे। वहीं, सरकारी संगठन रिहैबिलिटेशन काउंसिल ऑफ इंडिया के नाम का भी दुरुपयोग किया था।

सीएए की आड़ में 20 दिसंबर 2019 को पीएफआई द्वारा हिंसा कराने की गहरी साजिश बेनकाब हो चुकी है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के खुलासे के बाद पुलिस गंभीरता से जांच करने में जुटी। हिंसा में मेरठ में छह लोग मारे गए थे। हिंसा में दर्ज 18 मुकदमों की निगरानी आईजी रेंज प्रवीण कुमार को सौंपी गई। पुलिस जांच में 12 लोगों के बैंक खातों में पीएफआई द्वारा फंडिंग करने की जानकारी मिली। जिसके बाद पुलिस ने पीएफआई का रिकॉर्ड खंगाला। पुलिस के मुताबिक पीएफआई ने सीधे किसी के खाते में पैसा नहीं डाला। उसने सरकारी संगठन रिहैबिलिटेशन काउंसिल ऑफ इंडिया सहित कई संगठनों के नाम से ऑनलाइन आईडी बनाई। जिसके बाद हिंसा कराने के लिए फंडिंग की गई। इसको लेकर अलग-अलग चर्चाएं शुरू हो गई हैं।

शुरुआती जांच में 12 में से चार खातों में तीन करोड़ की फंडिंग की जानकारी पुलिस को लगी तो उनका रिकॉर्ड खंगाला गया। जिन खातों में पीएफआई ने पैसा भेजा, उनके नाम पते भी मिल गए है। पुलिस ने उनकी तलाश शुरू कर दी।

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