इजरायल में बड़ा सत्ता परिवर्तन, पीएम मोदी के दोस्त का पीएम पद से हटना तय
- विपक्षी पार्टियों में इसको लेकर समझौता हो गया है और वह नई सरकार के गठन के लिए भी लगभग तैयार हैं.
येरुशलम: इजरायल में बड़ा सत्ता परिवर्तन होने जा रहा है. स्थिति यह आ पहुंची है कि विपक्ष सबसे लंबे समय तक सत्ता में रहने वाले प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को पद से हटाने के बेहद करीब पहुंच चुका है. इजरायल के राष्ट्रपति रेवन रिवलिन ने इसकी जानकारी खुद देते हुए कहा है कि विपक्षी पार्टियों में इसको लेकर समझौता हो गया है और वह नई सरकार के गठन के लिए भी लगभग तैयार हैं. ये सब कुछ बुधवार को विपक्ष की समय सीमा खत्म होने से करीब आधा घंटा पहले हुआ है. गौरतलब है कि नेतन्याहू बीते 12 वर्षों से प्रधानमंत्री हैं. माना जा रहा है कि नेतन्याहू अंतिम समय तक अपनी कुर्सी बचाने की कोशिश करेंगे.
राष्ट्रपति ने दी ई-मेल से जानकारी
इस बात की जानकारी राष्ट्रपति को याइर लैपिड ने ई-मेल के जरिए दी है. इसमें उन्होंने लिखा है कि वो ये बताते हुए काफी गौरवांवित हो रहे हैं कि उन्होंने सरकार बनाने में सफलता हासिल कर ली है. जिस वक्त ये सब कुछ हुआ उस वक्त राष्ट्रपति सॉकर कप फाइनल देख रहे थे. उन्होंने लैपिड को इसके लिए बधाई भी दे दी है. लैपिड के प्रमुख सहयोगी राष्ट्रवादी नेफ्ताली बेनेट अब इजरायल के नए प्रधानमंत्री होंगे. विपक्षी नेताओं के बीच सरकार बनाने को लेकर जो समझौता हुआ है उसके मुताबिक पहले बेनेट प्रधानमंत्री पद संभालेंगे फिर इसके बाद इस जिम्मेदारी को लैपिड संभालेंगे. 57 वर्षीय लैपिड पूर्व में टीवी कार्यक्रमों से जुड़े रहे हैं. इसके अलावा वो देश के वित्त मंत्री की भी जिम्मेदारी संभाल चुके हैं.
विपक्ष के गठजोड़ से संभव हुआ असंभव काम
गौरतलब है कि छोटी और बड़ी विपक्ष पार्टियों के गठजोड़ से देश में नेतन्याहू को हटाना संभव हो सका है. ऐसा इजरायल के इतिहास में पहली बार हुआ है कि जो पार्टी, इजरायल में 21 फीसद अरब अल्पसंख्यकों का प्रतिनिधित्व करती है वो इसमें आगे रही है. इसको बेनेट की यामिना पार्टी का समर्थन हासिल हुआ है. इसके अलावा सेंटर-लेफ्ट ब्लू एंड व्हाइट जिसके प्रमुख रक्षा मंत्री बेनी गेंट्ज लेफ्ट विंग मेरेट्ज एंड लेबर पार्टी, पूर्व रक्षा मंत्री एविग्डोर लिबरमेन, राष्ट्रवादी ये इजरायल बेटन्यू पार्टी, राइट विंग पार्टी जिसके प्रमुख पूर्व शिक्षा मंत्री गिडोन शामिल हैं. हालांकि सरकार के गठन के बाद भी इस पर संकट की कोई कमी नहीं है. इसकी सबसे बड़ी वजह ये है कि ये सरकार पूर्ण बहुमत से कुछ ही आगे है. माना जा रहा है कि 10-12 दिनों के बीच नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह हो सकता है. जानकारों का कहना है कि बेंजामिन नेतन्याहू ने अपनी सरकार को बनाए रखने की हर संभव कोशिश की है. नई सरकार के बहुमत हासिल कर लेने तक नेतन्याहू अपने पद पर बने रहेंगे.