शामली । महज छह-सात मकानों वाली कैराना की इस करीब 14 फीट चौड़ी गली ने सोमवार को पूरे उत्तर प्रदेश में एक नया रंग बिखेरा। पिछली सरकार के कार्यकाल के दौरान पलायन के वह पीड़ित, जो अब योगी सरकार में यहां पुन: वापस आ गए हैं, उनसे मिलने खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यहां पहुंचे। पहली बार कोई मुख्यमंत्री इन पीड़ितों से मिलने यहां पहुंचा था। अपने बगल में बैठी एक बच्ची के सिर पर हाथ फेरकर मुख्यमंत्री ने पूछा कि डर तो नहीं लगता, इस पर बच्ची ने कहा कि जब आप हैं तो डर कैसा। इस पर बच्ची के साथ बैठे भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि बाबा (योगी आदित्यनाथ) के बगल में बैठी हो, अब बिल्कुल डरने की जरूरत नहीं है।

यह स्पष्ट संदेश था कि सरकार हर आम आदमी, पीड़ित और मजबूर के साथ पूरी मजबूती से खड़ी है। इस छोटी गली से यह पैगाम भी निकला कि योगी सरकार में केवल शांति और भाईचारे को ही सर्वोच्च स्थान है। जो भी इसे चुनौती देगा, उसे सरकार के कोप का भागी बनना होगा। यहीं पीएसी कैंप का शिलान्यास कर योगी ने यह संदेश भी दे दिया कि अब हर अराजक तत्व पर कानून का डंडा पूरी मजबूती से चलेगा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दोपहर को कैराना के मोहल्ला बेगमपुरा में थे। कस्बे की इस छोटी गली में रहने वाले विजय मित्तल के आवास पर उन्होंने विजय मित्तल के साथ ही रंगदारों के शिकार हुए शिवकुमार, राजेंद्र कुमार और विनोद सिंघल के स्वजन से मुलाकात की। यहीं उन्होंने परिवार के लोगों के साथ भोजन भी ग्रहण किया, उन सबसे खूब बात भी की। पीड़ित परिवार के एक सदस्य ने मुख्यमंत्री से कहा कि पहले यहां बाजार शाम पांच बजे बंद हो जाता था, अब भाजपा राज में रात बारह बजे तक आराम से टहलते हैं। इसी क्रम में एक व्यक्ति ने कहा कि भाजपा सरकार न आती तो कैराना से नब्बे प्रतिशत लोग पलायन कर जाते। अब अखबारों में हाथ उठाए सरेंडर करते अपराधियों की फोटो छपी देखकर सुकून मिलता है कि आपके रहते कानून का राज कायम है। इस बार फिर आपकी सरकार बन जाए तो सारे अपराधी तत्व कोमा में चले जाएंगे। एक व्यक्ति ने कहा कि अब कैराना में प्रापर्टी के भाव पांच-छह गुना बढ़ गए हैं

बातचीत के क्रम में मुख्यमंत्री ने सभी को भरपूर सुरक्षा और हरसंभव आर्थिक मदद का भरोसा दिया। परिवार के एक-एक सदस्य को आश्वस्त किया कि अब कोई भी अपराधी आप, आपके परिवार और आपके कारोबार की ओर नजर नहीं उठा पाएगा। मुख्यमंत्री का सहारा पाकर सभी लोगों की आंखों में उम्मीद और भरोसे की नई चमक दिखी। इन परिवारों के सभी सदस्यों ने मुख्यमंत्री का आभार भी जताया। मुख्यमंत्री ने इस दौरान कहा कि प्रदेश में सबकी सरकार है। यहां कानून का राज है। किसी को भी कानून से खिलवाड़ करने की अनुमति नहीं। कैराना में अब शांति है। यहां के लोगों में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर विश्वास बढ़ा है।

पलायन कर गए लोग अपने घरों को लौट आए हैं। महिलाएं अपने परिवार और व्यापारी अपने कारोबार की सुरक्षा को लेकर पूरी तरह आश्वस्त हैं। कैराना में पलायन के पीडि़तों की सूची तैयार की जा रही है। सरकार उन्हें मुआवजा देगी। वर्ष 2017 में भी मैं यहां आया था। उस समय लोगों ने पुलिस चौकी और एक पीएसी केंद्र की मांग रखी थी। चौकी पहले ही बन चुकी है, और पीएसी केंद्र का आज शिलान्यास है। कैराना के लोगों को विश्वास दिलाता हूं कि अपराध और अपराधियों पर और भी सख्ती की जाएगी। कोई गुंडा-बदमाश आपके घर और कारोबार की ओर निगाह नहीं उठा पाएगा। इस दौरान गन्ना विकास मंत्री सुरेश राणा भी मौजूद थे।

राजनीति का पाकिस्तान और पेशेवर अपराधियों का गढ़ : विजय मित्तल के घर के बाहर आकर मुख्यमंत्री ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि कैराना सांस्कृतिक नगरी हुआ करती थी। वर्ष 1990 के बाद यह राजनीति का पाकिस्तान और पेशेवर अपराधियों का गढ़ बन गया था। लोगों से रंगदारी मांगी गई। नहीं देने पर व्यापारी शिवकुमार, राजेंद्र कुमार और विनोद सिंघल की हत्या कर दी गई। विजय मित्तल ने रंगदारी नहीं दी तो 2014 में उन्हें अपना घर छोड़कर गुजरात में शरण लेनी पड़ी। लोगों पर जुल्म होते रहे और तत्कालीन सरकार देखती रही। जब भाजपा सरकार आई और कैराना में माहौल ठीक किया तब विजय मित्तल 2019 में वापस कैराना लौटे।

कैराना पलायन : सन 2016 में भाजपा के कद्दावर नेता बाबू हुकुम सिंह ने 346 ऐसे लोगों की सूची सार्वजनिक की थी, जो तत्कालीन प्रदेश सरकार के कार्यकाल में गुंडागर्दी और रंगदारी से तंग आकर कैराना से पलायन कर गए थे। उस दौर में रंगदारी न देने वाले अथवा गुंडागर्दी का विरोध करने वाले कई लोगों को मार दिया गया था। कैराना पलायन ने सनसनी फैला दी थी।