नई दिल्ली । ओल्ड सीमापुरी, सुनार वाली गली के डी ब्लाक स्थित मकान नंबर 49 में आइईडी मिलना जिला पुलिस व स्पेशल समेत सभी केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों की बड़ी विफलता मानी जा रही है। यहां भी गाजीपुर फूल मंडी की तरह ही बैग में करीब ढाई से तीन किलो आइईडी मिला है। आइईडी में कीलें, डेटोनेटर, टाइमर, चुंबक के छोटे-छोटे टुकड़े व अमोनियम नाइट्रेट आदि मिले हैं। आइईडी की प्रकृति कैसी थी, राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनएसजी) जांच कर जल्द उसकी रिपोर्ट सेल काे सौंप देगी। सूत्रों की मानें तो गाजीपुर फूल मंडी के बाहर आरडीएक्स मिलने की तफ्तीश के दौरान ही सेल को ओल्ड सीमापुरी स्थित घर में संदिग्धों के छिपे होने के बारे में जानकारी मिली। जिसके आधार पर सेल की टीम ने जब गोपनीय तरीके से वहां छापेमारी की पहले ही भनक लग जाने पर वहां ठहरे सभी संदिग्ध भागने में सफल हो गए।गाजीपुर मामले की तफ्तीश से सीमापुरी मामले का सुराग मिलने की अधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
सूत्रों के मुताबिक इलाके के एक प्रापर्टी डीलर ने मकान मालिक को कहकर एक युवक को करीब दो माह पहले वहां किराए पर घर दिलाया था, लेकिन वहां अक्सर दो तीन संदिग्धों का आना जाना लगा रहता था। वहां रहने वाले संदिग्ध आस पड़ोस के लोगों से नहीं मिलते जुलते थे, वे अलग-थलग रहते थे। बताया जा रहा है कि अमन कमेटी के लोगों से कुछ समय पहले सेल को गाजीपुर फूल मंडी के बाहर आरडीएक्स रखने वाले संदिग्धों के बारे में कुछ सुराग मिला था। उसके बाद उक्त इनपुट को विकसित किया गया। स्पेशल सेल ने बड़ी संख्या में संदिग्धों के फोन कॉल इंटरसेप्ट किए। जिसके बाद सेल को सीमापुरी वाले घर के बारे में पता चला। सेल की टीम ने मकान मालिक हाशिम को हिरासत में ले लिया है। उससे पूछताछ कर संदिग्धों के बारे में जानकारी प्राप्त की जा रही है। हाशिम खुद प्रापर्टी डीलर है। बताया जा रहा है कि सेल ने संदिग्धों की पहचान कर ली है, उनकी तस्वीरें भी सेल को हाथ लग गई है। साथ ही वे जहां के रहने वाले है इसकी भी जानकारी मिल गई है। शक है कि संदिग्ध किसी आतंकी संगठन के स्लीपर सेल हो सकते हैं।
संदिग्धों के तार गाजीपुर से जुड़े होने के सूत्रों के दावे को सही मानें तो बड़ा सवाल यह उठता है कि सीमापुर में रहने के दौरान ही संदिग्धों ने गाजीपुर में आरडीएक्स रखा था। संदिग्धों की तस्वीरें मंडी व वहां आस पास लगे सीसीटीवी कैमरे में इसलिए नहीं आइ क्योंकि संदिग्धों ने पहले रेकी करने के बाद वहां बैग रखा था। आरडीएक्स रखने के बाद भी संदिग्ध सीमापुरी में ही ठहरे रहे लेकिन जिला पुलिस व सेल समेत केंद्रीय सुरक्षा एजेेंसियां एक माह तक कोई सुराग नहीं लगा पाई। जब सुराग मिला भी तब पुलिस उन्हें नहीं दबोच पाई।