मुजफ्फरनगर ढाबा विवाद में बड़ा खुलासा, ‘गोपाल’ निकला ‘तजम्मुल’, कांवड़ यात्रा से पहले पहचान पर बवाल

मुजफ्फरनगर ढाबा विवाद में बड़ा खुलासा, ‘गोपाल’ निकला ‘तजम्मुल’, कांवड़ यात्रा से पहले पहचान पर बवाल

उत्तर प्रदेश: 10 जुलाई से शुरू होने वाली कांवड़ यात्रा से पहले पहचान को लेकर एक बार फिर घमासान छिड़ गया है। कांवड़ यात्रा से पहले हिंदू संगठन कांवड़ मार्ग पर पहचान अभियान चला रहे हैं। इस बीच मुजफ्फरनगर के एक ढाबे पर हुए हंगामे में बड़ा खुलासा हुआ है। जिस कर्मचारी को लेकर दावा किया जा रहा है कि हिंदू संगठनों ने धर्म की पहचान के लिए उसके साथ बदसलूकी की, उसका असली नाम गोपाल नहीं, बल्कि तजम्मुल है। अपना नाम गोपाल बताने वाले वैष्णो ढाबा के कर्मचारी के आधार कार्ड से ये खुलासा हुआ है कि उसका असली नाम तजम्मुल है और उसके पिता का नाम मकसूद है। तज्जमुल मुजफ्फरनगर के ही बझेरी इलाके का रहने वाला है। इस बात की तस्दीक तजम्मुल के गांव के लोग भी कर रहे हैं।

क्या है पूरा मामला?

यह घटना 28 जून की है, जब कांवड़ यात्रा से पहले स्वामी यशवीर जी महाराज और उनके समर्थक दिल्ली-देहरादून हाईवे-58 पर स्थित ‘पंडित जी वैष्णो ढाबा’ पर ‘पहचान अभियान’ के तहत पहुंचे थे। इस दौरान हिंदू संगठनों के लोगों ने हंगामा किया। जिस कर्मचारी को लेकर बदसलूकी का आरोप लगा, उसने कैमरे पर अपना नाम गोपाल बताया था। विवाद बढ़ने के बाद मुजफ्फरनगर पुलिस ने स्वामी यशवीर जी महाराज की टीम के 6 लोगों को नोटिस जारी किया था। इंडिया टीवी संवाददाता ने जब उस ढाबा कर्मचारी से उसका नाम पूछा था, तब भी उसने अपना नाम गोपाल ही बताया था और आधार कार्ड मांगने पर उसने कार्ड खो जाने और मोबाइल टूट जाने का बहाना बनाया था। उसने अपने पिता का नाम सुरेश बताया था।

‘गोपाल’ का आधार कार्ड

अब तजम्मुल का आधार कार्ड सामने आ गया है, जिस पर उसकी तस्वीर के साथ उसका असली नाम तजम्मुल और पिता का नाम मकसूद दर्ज है। वह मुजफ्फरनगर के ही बझेरी इलाके का रहने वाला है। उसके गांव के लोग भी इस बात की पुष्टि कर रहे हैं कि गोपाल ही तजम्मुल है। इंडिया टीवी पर तजम्मुल ने खुद कबूल किया है कि ढाबा मालिक सनव्वर ने ही जबरदस्ती उसका नाम गोपाल रखा था। उसने बताया कि करीब डेढ़ महीने पहले ही सनाव्वर ने उसे यह नाम दिया था। तजम्मुल ने यह भी कहा कि उस वक्त उसका दिमाग खराब था और वह बीमार चल रहा था।

गांव वालों का बयान

इंडिया टीवी संवाददाता जब तजम्मुल के बझेरी गांव पहुंचे, तो उसके पड़ोसियों ने भी खुलासा किया कि वैष्णो ढाबे के मालिक ने ही उसका नाम गोपाल रखा था और उसके हाथ में कड़ा भी पहनाया था। गांव वालों का यह भी कहना है कि तजम्मुल की दिमागी हालत ठीक नहीं है।

सियासी बयानबाजी

इस खुलासे के बाद मामला पुलिस प्रशासन के लिए एक नई चुनौती बन गया है। होटल मालिक की भूमिका, कर्मचारियों पर दबाव और पहचान पत्र सत्यापन के नाम पर की गई गड़बड़ियों की जांच की मांग उठ रही है। वहीं, इस मुद्दे पर सियासी बयानबाजी भी तेज हो गई है।

समाजवादी पार्टी (सपा) नेता रविदास मेहरोत्रा ने इस पूरे मामले पर बीजेपी पर विवादित बयान देते हुए कहा है कि बीजेपी और आतंकवादियों में कोई अंतर नहीं है, क्योंकि वे भी नाम पूछकर धर्म की पहचान करते हैं। उन्होंने दुकानदारों से जाति और धर्म पूछने को गलत बताया। दूसरी ओर, असदुद्दीन ओवैसी ने भी इस मामले को लेकर योगी सरकार पर निशाना साधा है।

उत्तर प्रदेश पुलिस ने इस मामले में यशवीर महाराज के 11 चेलों को नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया है। हालांकि, यशवीर महाराज के इन चेलों का दावा है कि ढाबे पर किसी के साथ कोई बदसलूकी नहीं की गई।


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