कुरुक्षेत्र में आज महापंचायत, पहलवानों के समर्थन में बड़ा फैसला संभव

कुरुक्षेत्र में आज महापंचायत, पहलवानों के समर्थन में बड़ा फैसला संभव
  • पहलवानों यौन उत्पीड़न जैसे आरोपों को झेल रहे भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं

New Delhi: पहलवानों का यौन उत्पीड़न जैसे आरोपों को झेल रहे भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं. बृजभूषण सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग पर अड़े देश के पहलवानों के समर्थन में खाप पंचायत और भारतीय किसान यूनियन समेत कई संगठनों ने अपनी आवाज लामबंद कर ली है. मुजफ्फरनगर के बाद आज हरियाणा के कुरुक्षेत्र में पहलवानों के समर्थन में खाप महापंचायत होने जा रही है. माना जा रहा है कि इस सर्व खाप पंचायत में कोई बड़ा ऐलान हो सकता है. आपको बता दें कि इसके पहले यूपी के मुजफ्फरनगर स्थित सोरम में सर्व खाप महापंचायत बुलाई गई थी. इस महापंचायत ने दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और पंजाब की 50 खाप पंचायतों ने हिस्सा लिया था. महापंचायत में पहलवानों के समर्थन करने का फैसला लिया गया है.

महिला पहलवान और उनके पदक देश की धरोहर

सोरम गांव में हुई महापंचायत में फैसला लिया गया है कि महिला पहलवान और उनके पदक देश की धरोहर हैं और उनके साथ हो रहे किसी तरह के उत्पीड़न को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. फिर चाहे उसके लिए आंदोलन का सहारा ही क्यों न लेना पड़े.  महापंचायत में यह भी कहा गया कि पहलवान अपने पदकों के बजाए गंगा में बहाने के अंरराष्ट्रीय कुश्ती महासंघ के माध्यम से निलामी के लिए रखें. इस दौरान भाकियू नेता राकेश टिकैत ने कहा कि अभी सरकार के साथ संवाद के सारे रास्ते खुले हैं. सबसे पहले देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात का प्रयास किया जाएगा और उनके सामने पहलवानों का पक्ष रखा जाएगा.

बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी से कम पर कोई समझोता नहीं

इस पर भी कोई रास्ता नहीं निकलता तो फिर अपनी बात मनवाने के लिए आंदोलन का रास्ता चुना जाएगा. राकेश टिकैत ने कहा कि आज कुरुक्षेत्र में होने वाली पंचायत में यह तय किया जाएगा कि एक कमेटी का गठन कर उसके सदस्यों के सरकार के साथ बातचीत के लिए लगाया जाए. हालांकि उन्होंने साफ कहा कि भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी से कम पर कोई समझोता नहीं किया जाएगा.