बिहार में कोरोना की दूसरी लहर को लेकर बड़ा फैसला : शिक्षण संस्‍थान 11 तक बंद, सार्वजनिक आयोजनों पर भी प्रतिबंध

बिहार में कोरोना की दूसरी लहर को लेकर बड़ा फैसला : शिक्षण संस्‍थान 11 तक बंद, सार्वजनिक आयोजनों पर भी प्रतिबंध

पटना । बिहार में कोरोना वायरस की दूसरी लहर के कारण संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए सभी स्कूल-कॉलेज व कोचिंग संस्थानों को 11 अप्रैल तक के लिए बंद कर दिया गया है। सभी तरह के सार्वजनिक आयोजनों (Public Events) पर भी अगली सूचना तक रोक लगा दी गयी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों को केंद्र में रखकर एक उच्चस्तरीय बैठक की। उन्होंने कहा था कि क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप शिक्षण संसथानों को बंद रखने के बारे में विचार करे तथा सार्वजनिक आयोजनों को भी कुछ दिनों के लिए स्थगित रखा जाए। मुख्यमंत्री की हिदायत के कुछ ही घंटे के भीतर यह बड़ा फैसला लिया गया।

परिस्थियों के अनुसार लिया जाएगा आगे का फैसला

विदित हो कि बिहार में इन दिनों रोजाना कोरोनावायरस संक्रमण के आंकड़े में वृद्धि होती जा रही है। राज्‍य में संक्रमण की वर्तमान रफ्तार बीते साल सितंबर जैसी है। इसके पहले अगस्त में सर्वाधिक मामले मिल रहे थे। अगर संक्रमण की रफ्तार और बढ़ी तो हालात चिंताजनक हो सकते हैं। खास बात यह है कि कोरोनावायरस संक्रमण की इस दूसरी लहर के दौरान वायरस का जो स्‍ट्रेन फैला है, वह अधिक संक्रामक है। इस कारण सरकार ने खासकर बच्चों की सेहत को देखते हुए यह फैसला लिया है। आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत के अनुसार फिलहाल आरंभिक बंदी का फैसला लिया गया है। परिस्थियों के अनुसार आगे का फैसला लिया जाएगा।

संक्रमण रोकने को लेकर सरकार का फैसला, एक नजर

  • सरकार ने शिक्षण संस्‍थानों को 11 अप्रैल तक के लिए बंद कर दिया है। पूर्व निर्धारित परीक्षाएं कोरोना संक्रमण के बचाव की गाइडलाइन के अनुसार होंगीं।
  • शादी व अंतिम संस्‍कार को छोड़ सभी सार्वजनिक आयोजनों पर अप्रैल तक प्रतिबंध लगा दिया गया है। शादी-ब्याह में अधिकतम ढाई सौ और श्राद्ध में अधिकतम 50 लोग ही शामिल हो सकेंगे।
  • सरकारी दफ्तरों के बारे में यह निर्देश है कि महकमे के प्रधान यह तय करेंगे कि कितनी संख्या में सुरक्षित दूरी का अनुपालन करते हुए कर्मियों को दफ्तर बुलाया जा सकता है। साथ ही अप्रैल तक सरकारी कार्यालयों में बाहरी व्यक्ति के प्रवेश पर प्रतिबंघ लगा दिया गया है।
  • 15 अप्रैल तक सार्वजनिक वाहनों में क्षमता के 50 फीसद से अधिक यात्री नहीं बैठाए जाएंगे।
  • सभी जिलाधिकारियों एवं पुलिस अधीक्षकों को अपने जिलों में कोरोनावायरस संक्रमण रोकने कोलेकर जारी केंद्र सरकार की ताजा गाइडलाइन का सख्ती से पालन कराने का निर्देश दिया गया है।

अधिक से अधिक टेस्टिंग व टीकाकरण पर बल

इस फैसले के पहले क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के बढ़ते मामले को ध्यान में रखते हुए पूरे राज्य में अधिक से अधिक टेस्टिंग करें। टीकाकरण की संख्या को और अधिक बढ़ाया जाए।  उन्होंने कहा कि बिहार में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। बढ़ते मामलों को ध्यान में रख यह जरूरी है कि जांच अधिक से अधिक हो। उन्‍होंने आरटीपीसीआर जांच को बढ़ाने का भी निर्देश दिया। कहा कि जांच अधिक होगी तो संक्रमण के मामलों का पता चलेगा। कोरोना से लोगों को नुकसान नहीं पहुंचे, इसके लिए सचेत और सक्रिय रहना होगा। लोग अलर्ट रहेंगे तो नुकसान कम होगा।

कोरोना संक्रमण को ले अस्पतालों में पूरी तैयारी

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण के लिए अस्पतालों में पूरी तैयारी रखें। टीकाकरण की संख्या बढ़ाएं। उन्होंने लोगों से यह अपील की है कि वे कोरोना संक्रमण रोकने के लिए बनाई गई गाइडलाइन का सख्ती से पालन करें एवं मास्क का प्रयोग जरूर करें।

स्वास्थ्य सचिव ने दी स्थिति के बारे में जानकारी

बैठक में स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने एक प्रेजेंटेशन के माध्यम से सूबे में कोरोना संक्रमण की अद्यतन स्थिति के बारे में जानकारी दी। कोरोना के एक्टिव मामले, मृत्यु दर, रिकवरी रेट व प्रतिदिन हो रहे जांच आदि के बारे में जानकारी दी। बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव, दीपक कुमार, मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह, डीजीपी एसके सिंघल, विकास आयुक्त आमिर सुबहानी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, गृह विभाग के सचिव जितेंद्र श्रीवास्तव, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार व गृह विभाग के विशेष सचिव विकास वैभव भी मौजूद थे।


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