भाजपा उन्हें नागौर लोकसभा सीट से चुनाव में उतार सकती है। ज्योति 2009 में सांसद निर्वाचित हुई थी। वे 2014 में भाजपा के सी.आर.चौधरी और 2019 में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के हनुमान बेनीवाल से चुनाव हार गई थी।

ज्योति के भजापा में शामिल होने से अब कांग्रेस और भाजपा के सियासी समीकरण बदल गए हैं। बेनीवाल के लिए अब नागौर की सीट सियासी रूप से बहुत मुश्किल हो गई है।

सवाई सिंह चौधरी ने भी थामा भाजपा का दामन

ज्योति के साथ भारतीय पुलिस सेवा के पूर्व अधिकारी सवाई सिंह चौधरी भी भाजपा में शामिल हो गए । सवाई सिंह ने पिछला विधानसभा चुनाव कांग्रेस के टिकट पर लड़ा था। उधर विधानसभा चुनाव में संभावित प्रत्याशियों के चयन को लेकर कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी ने सोमवार को भी प्रक्रिया जारी रखी।

कमेटी के अध्यक्ष गौरव गोगई की अध्यक्षता में स्क्रीनिंग कमेटी ने उन 26 विधानसभा सीटों पर संभावित प्रत्याशियों को लेकर ब्लाक अध्यक्षों एवं जिला अध्यक्षों से फीडबैक लिया,जो सीटें पिछले दो चुनाव में लगातार हारी है। बैठक जयपुर स्थित कांग्रेस के वार रूम में हुई ।