न्यूयॉर्क । राष्ट्रपति जो बाइडन ने भारत के खिलाफ अमेरिकी टैरिफ वॉर को फिर हवा दी है। भारत सरकार की ओर से दिग्गज तकनीकी कंपनियों पर डिजिटल सेवा कर लगाने के जवाब में अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडन ने झींगा, बासमती चावल, फर्नीचर और आभूषणों समेत कई वस्तुओं पर आयात शुल्क  बढ़ाने की चेतावनी दी है।

अमेरिका की व्यापार प्रतिनिधि कैथरीन ताई ने दो जून को उस योजना की घोषणा की जिसके तहत भारत से 26 सामानों के आयात पर टैरिफ में 25 फीसद की बढ़ोतरी की घोषणा हुई है। मालूम हो कि यह बढ़ोत्तरी दिसंबर तक जारी रहेगी। दरअसल भारत ने पिछले साल अप्रैल की शुरूआत में अमेजन, फेसबुक और गूगल जैसे विदेशी तकनीकि और ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा देश में की जा रही कमाई पर दो फीसद का टैक्स लगा दिया था।

उस समय पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने भारत सरकार के इस फैसले का विरोध किया था। अब जबकि बाइडेन ने अमेरिकी सरकार के मुखिया के तौर पर मोर्चा संभाल लिया है। उनकी ओर से झींगा, बासमती चावल, फर्नीचर और आभूषणों समेत कई वस्तुओं पर आयात शुल्क (Import duties) बढ़ाने की चेतावनी दी गई है।

अमेरिका के व्यापार प्रतिनिधि कार्यालय ने कहा कि भारत का डीएसटी अनुचित और भेदभावपूर्ण है और अमेरिकी वाणिज्य पर बोझ या प्रतिबंध लगाता है। कार्यालय का अनुमान था कि भारत से आयात पर बढ़ा हुआ कर डीएसटी के तहत अमेरिकी कंपनियों पर लगाए गए करों के बराबर होगा। अनुमान है कि अमेरिकी कंपनियों द्वारा भारत को दी जा रही डीएसटी का मूल्य प्रति वर्ष लगभग 5.5 करोड़ डॉलर तक होगा।

अमेरिका का अनुमान है कि इससे भारत के सामनों पर लगाए गए टैरिफ से मिली रकम भारत की ओर से लगाए गए करों की राशि के बराबर होगा। भारत से आयात किए जाने वाले अन्य सामानों में बांस, विंडो शटर, सिगरेट पेपर, मोती, तांबे की पन्नी और बेडरूम फर्नीचर शामिल हैं। बाइडन प्रशासन ने भारत को ही नहीं अन्‍य पांच देशों (ब्रिटेन, ऑस्ट्रिया, इटली, स्पेन और तुर्की) को भी आयात शुल्क में इजाफा करने की धमकी दी है।