भरत ने श्री राम से चित्रकूट से वापस अयोध्या लौटकर राज्य संभालने का आग्रह किया
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नकुड [इंद्रेश]। नगर मे चल रही रामलीला मे बीती रात भरत कैकयी सवंाद व भरत श्री राम मिलाप का मंचन किया गया। भरत मिलाप के प्रसंग मे दर्शन भावविभोर हो गये।
रामलीला में प्रभु श्री राम के वन गमन व भरत के ननिहाल से वापस अयोध्या आने तथा माता कैकयी से हुए संवाद का जीवंत मंचन किया गया। महाराज दशरथ के राम वियोग में प्राण त्यागने के बाद मुनि वशिष्ठ के निर्देश भरत वापस अयोध्या लोटे। उन्होने शोक से ग्रस्त अयोध्या मे कदम रखा तो वे सिहर उठे। जब भरत को पता चला कि राम के वनवास व पिता की मृत्यु का कारण उनकी अपनी माता है तो वे हीन भावना से ग्रस्त हो माता कैकयी पर बरस पडे। पिता के अंतिम संस्कार के बाद मुनि वशिष्ठ के राज्य ग्रहण करने के प्रस्ताव को उन्होने नंही माना। उन्होंने राजगुरू वशिष्ठ से श्रीराम कोमनाकर वापस लाने का आग्रह किया।
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भरत के आग्रह पर सभी माताएंे मुनि वशिष्ठ व भरत शत्रुघ्न श्री राम लक्ष्मण व सीता जी को लाने के लिये वन को चले। उनके साथ अयोध्या की प्रजा भी चली । रास्ते मे निषादराज से भरत की भेंट व चित्रकूट में भगवान राम को महाराज दशरथ की मृत्यु का समाचार मिला तो उन्होंने राजा को पिंडदान किये। भरत व अयोध्या वासियो ने भगवान श्री राम से वापस अयोध्या आकर राज्य भर ग्रहण करने का अनुरोध किया तो भगवान श्री राम ने उन्हे पिता के वचनो की याद दिलायी।
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रामलीला कलाकारो के मंचन को दर्शको ने सराहा । रामलीला मे दर्शको बडी संख्या यहंा चैत्रमास हो होने वाली रामलीला की लोकप्रियता दर्शाती है। गौरतलब है कि नकुड को छोडकर कंही भी चैत्रमास मे रामलीला का मंचन नंही होता। इस मौके पर वरूण मिततल ,श्रवण त्यागी, भुपेंद्र गुप्ता , पंकज जैन, अक्षय सिंघल, सतीश गर्ग, पवन गुप्ता, आदि रामलीला की व्यवस्था मे अहम भूमिका निभा रहे है।