कृषि कानूनों के खिलाफ भाकियू ने जगह-जगह प्रदर्शन कर सौंपा ज्ञापन

- सहारनपुर के नागल में एसडीएम को ज्ञापन सौंपते किसान।
सहारनपुर [24CN] । कृषि बिलों के खिलाफ चल रहे देशव्यापी आंदोलन में आज भाकियू से जुड़े किसानों ने राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के निर्देशानुसार चक्का जाम के निर्णय को वापस लेते हुए सभी मुख्य मार्गों पर बैठकों का आयोजन कर प्रशासनिक अधिकारियों को ज्ञापन सौंपकर तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के साथ ही किसानों की समस्याओं का समाधान कराने की मांग की। गौरतलब है कि भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौ. राकेश टिकैत ने छह फरवरी को चक्का जाम करने की घोषणा की थी जिसके मद्देनजर भारतीय किसान यूनियन की जिला इकाई द्वारा रामपुर मनिहारान, नागल, शाहजहांपुर, मिर्जापुर, बिहारीगढ़ आदि स्थानों पर चक्का जाम करने की तैयारियां कर ली गई थी जिनके लिए बाकायदा पदाधिकारियों की भी जिम्मेदारी तय की गई थी परंतु देर रात भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत द्वारा चक्का जाम के निर्णय को वापस लेने के बाद भाकियू के बैनर किसानों ने पूर्व घोषित स्थानों पर पंचायतों का आयोजन कर केंद्र सरकार द्वारा किसानों की उपेक्षा पर रोष व्यक्त किया तथा केंद्र सरकार से किसान हित में अविलम्ब तीनों कृषि बिलों को वापस लिए जाने की मांग की।
भारतीय किसान यूनियन के जिला सचिव हाजी मो. आलिम व बेहट तहसील अध्यक्ष सचिंदर सिंह राणा के नेतृत्व में किसानों ने कासिमपुर पुलिया के पास दिल्ली-यमुनोत्री हाइवे के किनारे बैठकर नारेबाजी कर प्रदर्शन किया तथा अपनी मांगों के समर्थन में प्रधानमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन तहसीलदार बेहट को सौंपकर समस्याओं का समाधान कराने की मांग की। इस दौरान मो. नौशाद प्रधान, शहजाद रावत एडवोकेट, राव आतिफ, साजिद रावत, मो. नसीम, अनिल राणा, मुदस्सिर अली, मो. शोबान, मो. कामिल, रागिब अली, चौ. शहबान अली, अमजद अली पीर, रिहान अली, मो. अखलाक पाडली, खुर्शीद रावत आदि शामिल रहे। उधर नागल में ब्लाक अध्यक्ष राजपाल सिंह पनियाली के नेतृत्व में कृषि अध्यादेश वापस लिए जानेए एमएसपी पर कानून बनाए जाने किसानों का बकाया गन्ना भुगतान ब्याज सहित दिए जाने आदि की मांग को लेकर करीब दो घंटे तक नागल बस स्टैंड पर धरना दिया।
किसानों के बीच पहुंचे एसडीएम सदर अनिल कुमार को प्रधानमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन सौंपा। किसानों को संबोधित करते हुए भाकियू प्रदेश उपाध्यक्ष चौधरी विनय कुमार ने कहा कि भारत की अधिकतर आबादी खेती पर ही निर्भर है तथा उनकी सीमित आय है। परिवार के खर्चे व सामाजिक संस्कारों को पूरा करने में वह कर्ज में डूब रहा है तथा अब सरकार ने किसान विरोधी कृषि अध्यादेश लाकर उनका मजाक उड़ाया है। पिछले 72 दिनों से किसान भरी सर्दी में दिल्ली बॉर्डर पर अपने अधिकारों की लड़ाई लड रहें हैं लेकिन सरकार किसानों की सुध नहीं ले रही है।
उन्होंने सरकार से अपील करते हुए कहा कि वह कृषि कानूनों वापस लेते हुए एमएसपी पर कानून बनाए। धरने को संगठन के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य स. मनमोहन सिंह, मा. रणबीर सिंह. अरुण राणा, किसान नेता झबल सिंह, रामकुमार वालिया आदि ने भी संबोधित किया। इस दौरान कालूराम प्रधान, लहरी सिंह, विराज चौधरी, पिरथी सिंह, मनीष आमकी, देव त्यागी, संजय वालिया, विनोद खन्ना, मनोज आमकी, सुमित चंदेना, अमित मुखिया, पोटन चौधरी, कपिल, भाग सिंह, सीटू, सत्यप्रकाश आर्य, संजय त्यागी, लव कुश त्यागी आदि रहे।