चंडीगढ़ । One Month of Bhagwant Mann Government: पंजाब की भगवंत मान सरकार ने अपने कार्यकाल का एक माह पूरा होने पर राज्‍य की जनता को बड़ा ताेहफा दिया है। मुख्‍यमंत्री भगवंत मान ने  जनता को 300 यूनिट बिजली मुफ्त देने का शनिवार सुबह एलान किया। राज्‍य के सभी घरों को 1 जुलाई से 300 यूनिट बिजली मुफ्त्त दी जाएगी।

भगवंत मान सरकार ने अपने एक माह के कार्यों का रिपोर्ट कार्ड भी किया पेश, अब 14 बड़े कदम 

इसके साथ ही भगवंत मान सरकार ने अपना एक माह का रिपोर्ट कार्ड भी पेश किया है। इसमें सरकार ने इससे पहले उठाए गए अपने 13 महत्‍वपूर्ण कदमों का उल्‍लेख किया है। इस प्रकार राज्‍य सरकार ने अपने एक माह के कार्यकाल में प्रति माह 300 यूनिट बिजली देने सहित 14 प्रमुख कदम उठाए हैं।

सीएम भगवंत मान कुछ दिन पहले ट्वीट कर कहा था कि 16 अप्रैल काे लोगों को बड़ी खबर मिलेगी। इसके बाद से माना जा रहा था कि वह 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने के वादे को पूरा करने का ऐलान कर सकते हैं। शनिवार सुबह पंजाब सरकार ने घोषणा की, कि एक जुलाई से हर परिवार को 300 यूनिट बिजली फ्री मिलेगा।

अभी विस्‍तृत येाजना के बारे में जानकारी नहीं मिली है लेकिन  भी चर्चा है कि दस एकड़ से ज्यादा जमीन वाले किसानों की मुफ्त बिजली बंद की जा सकती है, लेकिन कार्यकाल का एक माह पूरा होने पर सरकार यह फैसला लेने की इच्छाशक्ति दिखा पाएगी, यह देखने वाली बात होगी। इसके अलावा लोग सरकार के दूसरे बड़े वादे के पूरा होने का भी इंतजार कर रहे हैं। आम आदमी पार्टी ने हर महिला को प्रति माह एक हजार रुपये देने का वादा किया था।

इसके साथ ही भगवंत मान सरकार ने अपने एक माह के कार्यकाल में किए गए काम के बारे में रिपोर्ट कार्ड पेश किया है। रिपोर्ट कार्ड में पेश किए गए 13 कार्यों का ब्‍योरा इस प्रकार है-

  • 1. भ्रष्‍टाचार पर लगाम लगाने के लिए इसके बारे में सूचना देने के लिए हेल्‍पलाइन शुुरू करने के कदम को भी रिपोर्ट कार्ड में शामिल किया गया है।
  • 2. अनुबंध के आधार पर कार्य कर रहे करीब 35000 हजार कर्मचारियों को नियमित किया गया।
  • 3. निजी स्‍कूलों में फीस बढ़ाने पर रोक व वर्दी और किताबों खरीदने के लिए विवश किए  जाने पर पाबंदी।
  • 4. गैंगस्‍टरों पर काबू पाने और राज्‍य में कानून-व्‍यवस्‍था व अमन-शांति बनाए रखने के लिए एंटी गैंगस्‍टर टास्‍कफोर्स का गठन। इसके साथ ही एसपी और जिला उपायुक्‍तों (DC) को गैंगस्‍टरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निदेग्‍श दिए गए।
  • 5. सही प्रयास से ग्रामीण क्षेत्र विकास निधि के एक हजार करोड़ रुपये की र‍ाशि प्राप्‍त किए। बता दें कि यह राशि केंद्र सरकार से प्राप्‍त होती है और‍ पिछली सरकार के दौरान इस फंड की राशि के गलत इस्‍तेमाल से इस पर रोक लगा दी गई थी।
  • 6. सरकारी कार्यालयों में शहीद भगत सिंह और डा. भीमराव अंबेडकर की तस्‍वीरें लगवाई गईं।
  • 7. किसानों को राहत देने के लिए 101 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जारी की गई।
  • 8. एक विधायक-एक पेंशन व्‍यवस्‍था लागू की गई।
  • 9.विधायकों और नेताओं को दी गई अधिक सुरक्षा वापस ली गई।
  • 10. शहीदी दिवस के रूप 23 मार्च को अवकाश की घोषणा की गई।
  • 11. विधायकों को निर्देश दिया गया कि वे आम लोगों की समस्‍या के समाधान के लिए सप्‍ताह में सभी दिन 24 घंटे उपलब्‍ध रहें।
  • 12. किसानों को आश्‍वस्‍त किया गया कि उनकी उपज का एक-एक दाना खरीदा जाएगा।
  • 13. सभी जिला उपायुक्तोंं को एक माह के अंदर सभी सुधार केंद्रों को दुरुस्‍त करने का निर्देश दिया गया।

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मुफ्त बिजली देने से राज्‍य सरकार पर पड़ेगा सालाना करीब चार हजार करोड़ का भार 

300 यूनिट मुफ्त बिजली की घोषणा से सरकार पर करीब चार हजार करोड़ रुपये का वार्षिक बोझ पड़ेगा। सरकार ने अधिकारियों से चर्चा के बाद विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर ली है। मुफ्त बिजली के मुद्दे कुछ दिन पहले ही आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने पंजाब के मुख्य सचिव अनिरुद्ध तिवारी, प्रिंसिपल सेक्रेटरी (पावर) दिलीप कुमार और पंजाब स्टेट पावर कारपोरेशन लिमिटेड (पावरकाम) के मुख्य प्रबंध निदेशक (सीएमडी) बलदेव सिंह सरां के साथ बैठक की थी। इसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ चर्चा की थी।

दस एकड़ से ज्यादा भूमि वाले किसानों की मुफ्त बिजली बंद करने के मुद्दे पर बिजली विभाग ने सरकार के सामने जो आंकड़े रखे हैं, उसमें कहा गया है कि यदि ऐसा किया जाता है तो 56 प्रतिशत बिजली की बचत होती है। 2019 के आंकड़े देखते हुए विभाग ने बताया कि उस साल कुल 6060 करोड़ रुपये की बिजली दी गई, जिसमें से दस एकड़ से ज्यादा वाले 3.10 लाख किसानों की सब्सिडी 3407 करोड़ रुपये बनती है।

बड़े फैसलों के साथ विवाद भी

अब तक सरकार ने अनुबंध कर्मचारियों को नियमित करने, 25 हजार नौकरियां देने व विधायक को सिर्फ एक ही पेंशन देने के जो फैसले लिए हैं, उनमें विपक्षी पार्टियों को विरोध करने का मौका नहीं दिया, भगवंत मान जिस तरह हर कदम उठाने से पहले दिल्ली से निर्देश लेते हैं, यह आने वाले समय में पार्टी को भारी पड़ सकता है।

बिजली पर फैसला लेने के लिए जिस तरह से परंपरा के खिलाफ अरविंद केजरीवाल ने भगवंत मान की अनुपस्थिति में पंजाब के अधिकारियों को बुलाया, यह विपक्षी पार्टियों को थाली में परोस कर मुद्दा देने जैसा है। इस पर काफी विवाद भी हुआ। कांग्रेस के पास बेशक 18 विधायक ही हैं, लेकिन वे सभी अनुभवी है। वहीं, सत्ता पक्ष 92 विधायकों में से ज्यादातर पहली बार चुने गए हंै।

असली परीक्षा जून में

भगवंत मान सरकार की असली परीक्षा जून में आने वाले बजट में होगी। अभी तक सरकार ने जो भी फैसले लिए हैं, उनसे वित्तीय बोझ ही बढ़ा है। इनमें अनुबंध कर्मचारियों को नियमित करना, 25 हजार नई नौकरियां देना आदि शामिल हैं। मुफ्त बिजली से भी बोझ बढ़ेगा। इन सब घोषणाओं को पूरा करने के लिए पैसा कहां से आएगा, जब तक इसका रास्ता नहीं दिखाया जाएगा, तब तक आगे बढ़ना मुश्किल होता जाएगा।