सावधान! अब हापुड़ से होकर जाना होगा दिल्ली, जल्द लागू किया जाएगा डायवर्जन प्लान
केंद्र सरकार की प्राथमिकता में शामिल दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे और रैपिड रेल प्रोजेक्ट का कार्य बुधवार से शुरू हो गया। पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण ने बढ़ते प्रदूषण स्तर से निर्माण कार्य पर रोक लगा दी थी। मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए निर्णय के बाद दिल्ली रोड पर नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन ने गड्ढे खोदाई का कार्य शुरू कर दिया।
परतापुर तिराहे पर बनाए जाने वाले दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे के इंटरचेंज के लिए भी एनएचएआई अधिकारियों ने निरीक्षण कर निर्देश दिए हैं। जिससे जल्द ही परतापुर तिराहे पर डायवर्जन कर सड़क के दोनों ओर बनाए गए ओवरब्रिज को जोड़ने के लिए गाटर रखने का कार्य शुरू कर दिया जाएगा। एक सप्ताह के अंदर इस कार्य को शुरू कर दिया जाएगा। इसके लिए वैकल्पिक मार्ग को बनाए जाने के लिए बृहस्पतिवार से सड़क बनाने का कार्य शुरू होगा। हालांकि, इस वैकल्पिक मार्ग से छोटे वाहन ही निकल सकेंगे। बड़े वाहनों को वाया हापुड़ होकर दिल्ली जाना पड़ेगा। अब निर्माण कार्य के शुरू होने के बाद एनएचएआई अधिकारी मई-2020 में एक्सप्रेसवे के चौथे चरण डासना से मेरठ संचालन का दावा कर रहे हैं। परतापुर तिराहे पर बनाए जाने वाले तीन अंडरपास के लिए अब तेजी से कार्य शुरू कर दिया जाएगा। तीसरे अंडरपास और आरओबी को जोड़ने के लिए डायवर्जन प्लान लाया जाएगा।
गेल की गैस पाइपलाइन खोज रहा एनसीआरटीसी
रैपिड रेल ने दिल्ली रोड के सड़क किनारे गड्ढे खोदकर गेल गैस पाइपलाइन को खोजने का कार्य शुरू कर दिया है। दिल्ली रोड पर रैपिड रेल के लिए खोदे जाने वाले पिलर के लिए ये सावधानी बरती जा रही है। जिससे पिलर खोदने के समय किसी भी दुर्घटना से बचा जा सके। इस कार्य में गेल गैस इंजीनियर भी गड्ढे खोदने के समय साइट पर मौजूद हैं। गेल गैस पाइलाइन मिलने के बाद वहां उसे चिह्नित कर निशान लगाया जा रहा है। ये गड्ढे परतापुर ओवरब्रिज के पास से शुरू होकर बेगमपुल तक चिह्नित किया जाएगा।
ध्वस्तीकरण के लिए नहीं मिला फोर्स
परतापुर तिराहे के पास अभी कुछ स्थानों पर मकान, दुकान जस के तस बने हैं। इन मकानों को नोटिस देकर हटाने की तिथि दी गई थी, लेकिन अभी इन्होंने अपने निर्माण नहीं हटाए हैं। एनएचएआई ने इन निर्माणाधीन स्थानों को ध्वस्त करने के लिए पुलिस फोर्स की मांग की थी, लेकिन वह नहीं मिल सकी।
अभी इस कार्य में दो-तीन दिन लग सकते हैं। इसके लिए पहले ट्रैफिक पुलिस को बताया जाएगा। इसके बाद ही डायवर्जन प्लान लागू होगा। अब तेज गति से एक्सप्रेसवे के निर्माण कार्य को किया जाएगा। – आरपी सिंह, पीडी, दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे