गन्ने का मूल्य न बढ़ाना किसानों के साथ विश्वासघात: भगत सिंह वर्मा
सहारनपुर। पश्चिम प्रदेश मुक्ति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भगत सिंह वर्मा ने कहा कि उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार ने गन्ने का समर्थन मूल्य न बढ़ाकर किसानों के साथ विश्वासघात किया है। उन्होंने कहा कि एक ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों की आय दोगुनी करने का वायदा कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर भाजपा सरकारें किसानों को उनकी उपज का लागत मूल्य भी नहीं दिला पा रही है। ऐसी स्थिति में किसान कैसे खुशहाल होगा।
राष्ट्रीय अध्यक्ष भगतसिंह वर्मा ने मोर्चा की बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा कि केंद्र व उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकारें किसान विरोधी हैं क्योंकि एक ओर महंगाई चरम सीमा पर है। खाद व दवाइयों के दाम आसमान छू रहे हैं। प्रदेश सरकार द्वारा बिजली के मूल्यों में बेतहाशा वृद्धि की गई है। इन सब स्थितियों के बावजूद गन्ने के समर्थन मूल्य में बढ़ोत्तरी न किया जाकर प्रदेश सरकार ने किसानों को बर्बादी के कगार पर पहुंचा दिया है।
उन्होंने भाजपा सरकारों पर मिल मालिकों के साथ सांठगांठ का आरोप लगाते हुए कहा कि चीनी मिलों के दबाव में भाजपा सरकार ने गन्ने का समर्थन मूल्य नहीं बढ़ाया है तथा न ही अब तक किसानों को उनके गन्ने का बकाया मूल्य भुगतान नहीं कराया है। यदि सरकार किसानों के प्रति गम्भीर है तो उन्हें गन्ने का समर्थन मूल्य बढ़ाया चाहिए था। उन्होंने कहा कि यदि सरकार चाहे तो किसानों को गन्ने का 600 रूपए प्रति कुंतल दिलाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यदि प्रदेश सरकार ने गन्ना मूल्य निर्धारण करने के मुद्दे पर पुनर्विचार नहीं किया तो पश्चिम प्रदेश मुक्ति मोर्चा सडक़ों पर उतरकर आंदोलन करने को बाध्य होगा।
मोर्चा के प्रदेश महामंत्री आसिम मलिक ने कहा कि पिछले एक साल में बिजली, खाद व कीटनाशक दवाइयों में बेतहाशा वृद्धि हुई है। इसलिए प्रदेश सरकार को उसी अनुपात में गन्ने के समर्थन मूल्य में बढ़ोत्तरी करनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि योगी सरकार का एक भी मंत्री गन्ना किसानों की समझ नहीं रखता। केवल उन्हें धन लूटना आता है। ऐसे नेताओं को किसान सबक सिखाने का काम करेगा।
बैठक में मुनव्वर मलिक, स. गुलविंदर सिंह, राजेंद्र सिंह मान, प्रधान पहल सिंह, मा. सोएब आदि मोजूद रहे।
