‘पक्का हिंदू होने का मतलब बाकी लोगों को गाली देना नहीं’, संघ प्रमुख मोहन भागवत ने बताई हिंदुओं की मर्यादा
आरएसएस के सरसंचालक मोहन भागवत ने हिंदुओं को संयमित और अनुशासित रहने की सलाह देते हुए कहा है कि पक्का हिंदू होने का मतलब किसी को गाली देना नहीं है। उन्होंने कहा कि कई बार लोगों को गलत फहमी हो जाती है कि पक्का हिंदू होना यानी बाकी लोगों को गाली देना। ऐसा नहीं है, पक्का हिंदू होना किसी का विरोध करना नहीं है। उन्होंने कहा “हमारे यहां चार की चौखट बनाई जाती है। इसके अंदर जो है वह धर्म है, परंपरा में हो या ना हो। इसके बाहर जो है, वह अधर्म है ,परंपरा में हो या ना हो।” संघ प्रमुख ने इस दौरान सत्य, करुणा, सुचिता, तपस को अपनाने पर जोर दिया।
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत में कोच्ची में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि किसी की प्रतिक्रिया में हम हिंदू नहीं हैं। हम हिंदू हैं, हिंदू जैसा है सबको समाहित कर लेता है। इसका विवेक रखकर जो काम करेगा, हिंदू समाज की भीड़ जमा करना बहुत लोग कर सकते हैं। हिंदू को अच्छा, पक्का, सच्चा हिंदू बनकर राष्ट्रीय कार्य में जोड़ना यह काम करना वालों को विवेक रखना पड़ेगा। यह सारी समीक्षा हम करेंगे, यह देखना पड़ेगा हमको। हम जो प्रकल्प खड़े करेंगे, विभिन्न योजनाएं चलाएंगे, यह सोचना पड़ेगा।
चार की चौखट का जिक्र
संघ प्रमुख ने कहा “धर्म की हम बात करते हैं, धर्म का अर्थ लोग कर्मकांड से लेते हैं। विधि निषेधो से लेते हैं। समान्य व्यक्तियों को धर्म साधना करनी है तो उस अनुशासन से जाना निहित भी है। परंतु वो धर्म नहीं है, हमारे यहां चार की चौखट बनायी है। इसके अंदर जो है वह धर्म है, परंपरा में हो या ना हो, इसके बाहर जो है वह अधर्म है। परंपरा में हो या ना हो। ये चार चौखट हैं सत्य, करुणा, सुचिता, तपस। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत इन दिनों केरल प्रवास पर हैं। मोहन भागवत ने शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास द्वारा अमृत इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज में आयोजित व्याख्यान को संबोधित किया।
