नई दिल्ली। असम से एक बड़ी जानकारी सामने आ रही है। असम सरकार ने चार जिलों का अन्य चार जिलों में विलय के साथ-साथ कुछ गांवों के प्रशासनिक अधिकार क्षेत्र में बदलाव करने का फैसला किया। राज्य मंत्रिमंडल की बैठक के बाद मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक आवश्यकताओं, समाज और असम के हितों को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय भारी मन से लिया गया। हालांकि असम सरकार ने इसके पीछे की वजह का खुलासा नहीं किया।

इन जिलों का होगा विलय

आपको बता दें कि बिस्वानाथ जिले को सोनितपुर में, होजई को नौगांव में, बजाली को बारपेटा में और तमुलपुर को बक्सा में मिला दिया जाएगा। राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में कुछ गांवों और कुछ कस्बों के प्रशासनिक अधिकार क्षेत्र में भी बदलाव किया गया है।

विलय किए गए ज्यादातर जिले हाल के दिनों में बनाए गए थे। मुख्यमंत्री ने विलय किए गए जिलों के लोगों से माफी मांगी। उन्होंने कहा कि मैं लोगों से माफी मांगना चाहता हूं लेकिन उम्मीद है कि वे फैसलों के महत्व को समझेंगे।

मंत्रियों की टीम जिलों का करेगी दौरा

हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि राज्य के मंत्रियों की एक टीम इन जिलों का दौरा करेगी। साथ ही राज्य के मंत्री प्रमुख संगठनों और नागरिकों के साथ बातचीत कर इन फैसलों के कारणों को बताएगी जिनका खुलासा सार्वजनिक तौर पर नहीं किया जा सकता है।

उन्होंने बताया कि जिन जिलों का विलय किया गया है उनके पुलिस और न्यायिक जिले जारी रहेंगे क्योंकि वे अन्य कार्यालयों और अधिकारियों के साथ हैं।

गौरतलब है कि चुनाव अयोग ने असम में एक जनवरी, 2023 से परिसीमन तय होने तक नई प्रशासनिक इकाइयों के गठन पर भी रोक लगा दी है। आयोग ने असम के मुख्य चुनाव अधिकारी को निर्देशित किया है कि राज्य सरकार से यह सुनिश्चित कराएं कि एक जनवरी, 2023 से परिसीमन की प्रक्रिया पूरी होने तक नए प्रशासनिक निकायों या इकाइयों का गठन प्रतिबंधित रहेगा। संविधान के आर्टिकल 170 के अनुसार यह परिसीमन 2001 की जनगणना के आधार पर किया जाएगा।