बाल रंग महोत्सव सहारनपुर की झुग्गियों के बच्चों ने अपनी प्रतिभा से दर्शकों को किया भावुक

- सहारनपुर में बाल रंग उत्सव में नाटक मंचन के साथ कलाकार।
सहारनपुर। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र, संस्कृति मंत्रालय व उड़ान-द सेंटर ऑफ थिएटर आर्ट एंड चाइल्ड डेवलोपमेन्ट द्वारा आयोजित तीन दिवसीय बाल रंग महोत्सव में बच्चों ने समां बांध दिया। इस दौरान सहारनपुर से आये झुग्गी झोपड़ी निवासी बच्चों ने 1857 की क्रांति को अपने उत्कृष्ट अभिनय से जीवंत कर दर्शकों को रोमामचित कर दिया।
आईजीएनसीए के सम्वेत सभागार में रंगकर्मी संजय टुटेजा के दिशा निर्देशन व मार्गदर्शन में आयोजित इस तीन दिवसीय महोत्सव का उद्घाटन नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के निदेशक प्रो डॉ रमेश चंद्र गौर ने किया जबकि आईजीएनसीए में कला दर्शन विभागाध्यक्ष प्रो डॉ ऋचा काम्बोज, सरंक्षण विभागाध्यक्ष डॉ अचल पांड्या, शिक्षाविद व लेखिका श्रीमती मालविका जोशी, शिक्षाविद, पूर्व प्राचार्या डॉ नीलांजना किशोर,इंडियन ऑयल के डीजीएम धर्मेन्द्र सिंह राजस्थान सरकार के पूर्व सूचना उपनिदेशक गोपेन्द्र भट्ट, विशिष्ट अतिथि रहे। महोत्सव में मानसी अभिनय गुरुकुल के योगेश पंवार के निर्देशन में उड़ान के बच्चों ने नाटक नन्हे सेनानी में अपने सशक्त अभिनय से दर्शकों को भावुक कर दिया।
मानसी के अध्यक्ष केके गर्ग व उड़ान के अजय सिंगल के साथ दिल्ली गए इन्ही बच्चों के दूसरे नाटक को स्टैंडिंग ओविशन मिला। बेस्ट नाटक और बेस्ट एक्टर का पुरुस्कार भी सहारनपुर के बच्चो को मिला। महोत्सव में कुल 9 नाटको का मंचन किया गया जिनमे पहले दिन डायना ओमेन व सोम्या के सह निर्देशन में नाटक शक्ति रिद्धि मग्गो व लक्ष्मी के निर्देशन में नाटक सबसे बड़ा दुश्मन कौन व प्रभात सेंगर के निर्देशन व मनीषा के सह निर्देशन में मां की पहचान नाटको का मंचन हुआ। महोत्सव के दूसरे दिन डायना ओमेन के निर्देशन व शुभ के सह निर्देशन में नाटक गुमनाम बलिदानी, राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के कृष्णा राजपूत व शिवांग मिश्रा के निर्देशन में नाटक ष्कार्यवाही शुरू की जाए का मंचन हुआ।
महोत्सव के तीसरे दिन , राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के स्नातक सागर वशिष्ठ के निर्देशन एवं निकिता मित्तल और खुशी बौद्ध के निर्देशन में भारत रत्न अरूणा व प्रभात सेंगर के निर्देशन में नाटक ष्बच्चों की कचहरी का मंचन किया जबकि स्लम के बाल कलाकारों ने रवि कर्णवाल व अभिनव गौतम के निर्देशन में मानव विकास यात्रा पर एक मूक अभिनय नाटिका का मंचन किया। नाटकों में बच्चों ने अपने उत्कृष्ट अभिनय से सभी को अभिभूत कर दिया।