भाजपा की सभी जिलों की समितियां घोषित, पिछड़ों व महिलाओं को भागीदारी

भाजपा की सभी जिलों की समितियां घोषित, पिछड़ों व महिलाओं को भागीदारी

भारतीय जनता पार्टी ने 15 दिन की मशक्कत के बाद सभी जिलों की जिला समितियों को हरी झंडी दे दी है। इसके बाद जिलों में समितियां घोषित कर दी गई हैं। समितियों में पिछड़ों, अनुसूचित जाति के साथ महिलाओं को भी पर्याप्त महत्व दिया गया है। जिला समितियों में 30 प्रतिशत महिलाओं को भागीदारी दी गई है। हर जिले में 21 पदाधिकारी बनाए गए हैं। इनमें आठ उपाध्यक्ष, 3 महामंत्री, 1 महामंत्री (संगठन), 8 मंत्री और 1 कोषाध्यक्ष शामिल है।

भाजपा ने सांगठनिक ढांचे के लिहाज से प्रदेश में 98 जिला व महानगर इकाइयां गठित कर रखी हैं। इन सभी के पदाधिकारी घोषित कर दिए गए हैं। पदाधिकारियों में भी जातीय गणित का भी ध्यान रखा गया है। जातीय व महिला संतुलन साधने के लिए ज्यादातर जगह सात महिलाओं को पदाधिकारी बनाया गया है। अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के व्यक्तियों को दो पद दिए गए हैं। इसके अलावा पिछड़ी जातियों को भी जिलों के स्थानीय समीकरणों के अनुसार 40-50 प्रतिशत हिस्सेदारी दी गई है।

इस तरह हुई घोषणा

भाजपा के प्रदेश नेतृत्व ने पदाधिकारियों की सूची जिलों के प्रमुख लोगों की सहमति से बनाने और स्थानीय समीकरणों के अनुसार, सभी महत्वपूर्ण चेहरों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए प्रभारी नियुक्त किए गए थे। प्रभारियों की रिपोर्ट और सूची के बाद समितियों का गठन कर दिया गया। ज्यादातर जिलों में सदस्यों की घोषणा भी कर दी गई है।

जहां नहीं हुई है वहां भी जल्द हो जाएगी। भाजपा के संविधान के मुताबिक, लोकसभा की  21 सीटों से ज्यादा होने के कारण उत्तर प्रदेश श्रेणी तीन में आता है। इस कारण यहां के जिला समितियां 90 सदस्यीय बननी है। इनमें कम से कम 30 महिलाएं होना जरूरी है।


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