बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी ने मनाया काला दिवस

बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी ने मनाया काला दिवस
  • सहारनपुर में काला दिवस मनाते बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के पदाधिकारी।

सहारनपुर [24CN]। बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के बैनर तले मुस्लिम समाज के लोगों ने बाबरी मस्जिद शहीद किए जाने के विरोध में आज छह दिसम्बर को काला दिवस मनाया तथा बाबरी मस्जिद के स्थान पर होने वाली मूर्ति पूजा को रोकने तथा वहां नमाज पढऩे की पाबंदी को तत्काल समाप्त करने की मांग की।

पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के पदाधिकारी पीरजादा शेरशाह आजम के नेतृत्व में मौहल्ला शाह बहलोल स्थित जामा मस्जिद में एकत्र हुए जहां उन्होंने छह दिसम्बर, 1992 को बाबरी मस्जिद को शहीद किए जाने के विरोध में जनसभा का आयोजन कर उसी स्थान पर बाबरी मस्जिद का पुनर्निर्माण कराने की मांग की। जनसभा को सम्बोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि 6 दिसम्बर 1992 को न्याय, कानून और संविधान की अवहेलना करते हुए ऐतिहासिक बाबरी मस्जिद को एक मुजरीमाना षडयंत्र के तहत शहीद किया गया था। उनका कहना था कि इस शैतानी हरकत को मुसलमानों की धार्मिक स्वतंत्रता पर आक्रमण समझते हुए बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी प्रतिवर्ष 6 दिसम्बर को काला दिवस मनाती है। उन्होंने कहा कि मुसलमानान-ए-हिंद बाबरी मस्जिद से कभी दस्तबरदार नहीं होंगे। इसके पुनर्निर्माण के संघर्ष को जारी रखा जाएगा तथा इस सम्बंध में मुनासिब कार्रवाई जारी रहेगी।

उनका कहना था कि बाबरी मस्जिद की इमारत को जोरजबरदस्ती विध्वंस के बावजूद उसकी सरई और कानूनी स्थिति ज्यों की त्यों बरकरार है। बाबरी मस्जिद की जगह आज भी मस्जिद है और आगे भी मस्जिद रहेगी, जिस तरह 1992 से पहले थी। यदि इस स्थान पर कोई और निर्माण किया गया तो सरासर गैरकानूनी होगा। इसके विध्वंस पर किसी का कोई ऐतराज करना अस्वीकार होगा। जनसभा को हाजी उबैदुल्ला काजमी, ताजदार खान, इरफान अलवी, एम. जमाल असलम, मेहराज अहमद, मो. तारिक, शानदार खान, साजिद जुबैरी, मो. अशरफ, अब्दुल अजीम ने भी सम्बोधित किया।