रामपुर : अदालत से गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद शहर विधायक अब्दुल्ला अपनी मां पूर्व सांसद डा. तजीन फात्मा के साथ कोर्ट में हाजिर हुए और अधिवक्ता के माध्यम से वारंट वापस कराने की अर्जी दी। अदालत ने उनकी अर्जी स्वीकार कर ली। इस दौरान करीब तीन घंटे मां-बेटे न्यायिक अभिरक्षा में रहे। दोनों के खिलाफ बुधवार को एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (मजिस्ट्रेट ट्रायल) द्वारा गैर जमानती वारंट जारी किए गए थे। यह वारंट अब्दुल्ला के दो जन्म प्रमाण पत्र से संबंधित मुकदमे में हुए थे।

अब्दुल्ला के प्रमाण पत्रों से संबंधित तीन मुंकदमे भाजपा नेता आकाश सक्सेना की ओर से दर्ज कराए गए थे। इनमें आरोप है कि अब्दुल्ला के अलग-अलग जन्मतिथि के दो जन्म प्रमाण पत्र, दो पासपोर्ट और दाे पैन कार्ड बनाए गए हैं। जन्म प्रमाण पत्र मामले में आजम के अलावा उनकी पत्नी पूर्व सांसद डा. तजीन फात्मा और बेटे अब्दुल्ला नामजद हैं। इस मुकदमे में गवाही की प्रक्रिया चल रही है।

बुधवार को गवाह और वादी कोर्ट में पेश हुए थे, जबकि अब्दुल्ला और उनकी मां तजीन फात्मा तारीखों पर कोर्ट नहीं आ रहे थे। उनके अधिवक्ता द्वारा हाजिरी माफी का प्रार्थना पत्र देते हुए गवाह से जिरह करने के लिए समय की मांग की थी। कोर्ट ने उनका हाजिरी माफी का प्रार्थना पत्र खारिज करते हुए मां-बेटे के गैर जमानती वारंट जारी कर दिए थे। इस पर गुरुवार को सुबह 11.30 बजे मां-बेटे कचहरी पहुंच गए।

पूर्व सांसद की तबीयत ठीक न होने के कारण उन्हें व्हील चेयर पर लाया गया। दोनों एमपी-एमएलए कोर्ट में हाजिर हुए और अधिवक्ता के माध्यम से वारंट वापस लेने का अनुरोध किया। अदालत ने उन्हें न्याय अभिरक्षा में लेने के आदेश दिए। दोनों तीन घंटे तक न्यायिक अभिरक्षा में रहे। इस दौरान अदालत ने उनके वारंट वापस लेते हुए स्पष्ट किया कि अब गवाह से जिरह के लिए समय नहीं दिया जाएगा।