पाकिस्तान धर्म के नाम पर जिहाद को बढ़ावा दे रहा है : ऑस्ट्रियाई रक्षा विशेषज्ञ टॉम कूपर का बड़ा आरोप

वियना। अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा विशेषज्ञ और ऑस्ट्रिया के रक्षा विश्लेषक टॉम कूपर ने पाकिस्तान पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि इस्लाम के नाम पर जिहादी विचारधारा को प्रोत्साहित करने और आतंकवाद को वैश्विक स्तर पर फैलाने में पाकिस्तान की भूमिका अहम है। उन्होंने चेतावनी दी कि पाकिस्तान द्वारा धर्म का दुरुपयोग करते हुए आतंकी गतिविधियों को संरक्षण देने की नीति न केवल दक्षिण एशिया, बल्कि अफ्रीका से लेकर फिलीपींस तक अस्थिरता का कारण बन रही है।
धार्मिक आतंकवाद का वैश्विक नेटवर्क
कूपर ने एएनआई से विशेष बातचीत में बताया, “पाकिस्तान सुनियोजित तरीके से जिहादी संगठनों को वित्तीय और रणनीतिक समर्थन दे रहा है। यही कारण है कि नाइजीरिया जैसे पश्चिम अफ्रीकी देशों से लेकर प्रशांत क्षेत्र के फिलीपींस तक धर्म के नाम पर हिंसा फैल रही है।” उन्होंने जोर देकर कहा कि पाकिस्तान की इस नीति में बदलाव की कोई संभावना नहीं दिखती, क्योंकि यह उसकी सैन्य-राजनीतिक व्यवस्था का अभिन्न अंग बन चुका है।
सैन्य तानाशाही और अस्थिरता का दुष्चक्र
कूपर ने पाकिस्तान के आंतरिक संकट पर भी प्रकाश डाला: “पाकिस्तान का इतिहास सैन्य तख्तापलटों और नागरिक सरकारों के साथ संघर्ष से भरा है। सेना का नेतृत्व देश को लगातार अस्थिरता की ओर धकेल रहा है, जिससे जनता त्रस्त है। यहाँ सशस्त्र बलों के अपने एजेंडे हैं, जो लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं से परे हैं।”
भारत की सतर्कता: परमाणु ठिकानों पर नज़र
इस बीच, कूपर ने भारत की सुरक्षा तैयारियों की सराहना करते हुए कहा कि भारतीय खुफिया एजेंसियाँ पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम और संदिग्ध गतिविधियों पर पैनी नजर रखे हुए हैं। उन्होंने भारतीय रक्षामंत्री के हालिया बयान को “महत्वपूर्ण संकेत” बताया, जिसमें यह स्पष्ट किया गया था कि पाकिस्तान के परमाणु ठिकानों की हर हलचल पर भारत का नियंत्रण है। कूपर के अनुसार, “पाकिस्तान के परमाणु हथियारों की विश्वसनीयता पर सवाल उठना लाजमी है। भारत की सतर्कता इस खतरे को समझने का प्रमाण है।”
निष्कर्ष: बदलाव की कोई उम्मीद नहीं
कूपर ने अपने विश्लेषण में आशंका जताई कि पाकिस्तान की नीतियों में आने वाले समय में कोई बदलाव नहीं दिखेगा। उनके अनुसार, आतंकवाद को प्रश्रय देने और सैन्य हस्तक्षेप की संस्कृति ने पाकिस्तान को एक “अप्रत्याशित एवं खतरनाक” राज्य बना दिया है, जिससे वैश्विक सुरक्षा को लगातार खतरा बना हुआ है।
यह रिपोर्ट ऐसे समय में सामने आई है, जब भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच अंतरराष्ट्रीय समुदाय पाकिस्तान में आतंकवादी शिविरों की मौजूदगी और परमाणु सुरक्षा को लेकर चिंता जता रहा है।