ऑस्ट्रेलिया को लगा तगड़ा झटका, कप्तान पर मंडराया अहम सीरीज के पहले मैच से बाहर होने का खतरा

ऑस्ट्रेलिया को लगा तगड़ा झटका, कप्तान पर मंडराया अहम सीरीज के पहले मैच से बाहर होने का खतरा

एशेज सीरीज 2025 से पहले ऑस्ट्रेलिया के लिए बुरी खबर आई है। ऑस्ट्रेलियाई टेस्ट कप्तान पैट कमिंस की वापसी में देरी हो सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कमिंस 21 नवंबर से पर्थ में शुरू होने वाले एशेज के पहले टेस्ट से बाहर हो सकते हैं और संभव है कि वह पूरी सीरीज ही मिस करें। कमिंस की पीठ में एक हॉट स्पॉट पाया गया है, जो स्कैन के बाद भी पूरी तरह ठीक नहीं हुआ है।हाल ही में हुए मेडिकल स्कैन में कुछ सुधार तो दिखा, लेकिन डॉक्टरों के अनुसार कमिंस अभी गेंदबाजी के लिए फिट नहीं हैं। पहले टेस्ट में अब सिर्फ 6 हफ्ते बचे हैं, और इस वजह से उनकी वापसी दिसंबर तक खिसक सकती है। ऐसे में उनके एशेज सीरीज में सीमित भूमिका निभाने की संभावना जताई जा रही है।

स्टीव स्मिथ संभाल सकते हैं टीम की कमान

अगर कमिंस पूरी तरह फिट नहीं हो पाते हैं, तो स्टीव स्मिथ एक बार फिर कप्तान की भूमिका निभा सकते हैं। स्मिथ ने इस साल की शुरुआत में श्रीलंका दौरे पर भी कमिंस की अनुपस्थिति में टीम की कमान संभाली थी। वहीं, उनकी गैरमौजूदगी में तेज गेंदबाज स्कॉट बोलैंड को टीम में अहम भूमिका निभाने का मौका मिल सकता है।

कमिंस ने कुछ सप्ताह पहले ब्रिसबेन में कहा था कि पहला टेस्ट मिस करना उनके लिए बेहद निराशाजनक होगा। उन्होंने कहा था कि पूरी कोशिश कर रहा हूं कि वह समय पर फिट हो जाएं। रिहैब सही ढंग से चल रहा है और वह पूरी तैयारी कर रहे हैं। एशेज जैसी बड़ी सीरीज में खेलने के लिए जोखिम उठाना भी जरूरी होता है। कमिंस ने स्वीकार किया कि पिछले कुछ सालों में उन्होंने बहुत ज्यादा गेंदबाजी की है और अब उन्हें रिहैबिलिटेशन पर ध्यान देना होगा ताकि आगे और चोट का खतरा न बढ़े।

बॉलिंग प्रैक्टिस से दूर कमिंस

उन्होंने हाल ही में एक इंटरव्यू में बताया कि उनकी वापसी का फैसला लगातार स्कैन रिपोर्ट्स और शरीर की स्थिति पर निर्भर करेगा। उन्होंने कहा कि हम हर दो-तीन स्कैन के बाद देखेंगे कि रिकवरी कैसी चल रही है। चोट से उबरने में सिर्फ रिपोर्ट ही नहीं, बल्कि शरीर का फीडबैक भी बहुत अहम होता है। इस समय कमिंस गेंदबाजी या रनिंग प्रैक्टिस से दूर हैं और जिम व साइक्लिंग के जरिए फिटनेस बनाए हुए हैं। उनकी अनुपस्थिति में ऑस्ट्रेलियाई टीम के लिए गेंदबाजी अटैक को संतुलित रखना बड़ी चुनौती होगी, खासकर इंग्लैंड जैसी मजबूत टीम के खिलाफ।