औरंगजेब विवाद: सपा विधायक अबु आजमी को बजट सत्र तक विधानसभा से निलंबित किया गया

औरंगजेब विवाद: सपा विधायक अबु आजमी को बजट सत्र तक विधानसभा से निलंबित किया गया

महराष्ट्र की राजनीति में मुगल आक्रांता औरंगजेब को लेकर बवाल मचा हुआ है। समाजवादी पार्टी के विधायक अबु असीम आजमी को  बजट सत्र तक के लिए विधानसभा से निलंबित कर दिया गया है। बता दें कि आजमी ने हाल ही में औरंगजेब के समर्थन में बयान दिया था। इसके बाद अबु आजमी का जमकर विरोध हुआ और उनके खिलाफ केस भी दर्ज किया गया। शिवसेना के प्रमुख और डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने खुद अबु आजमी के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज करने की मांग की थी। शिवसेना आजमी के निलंबन पर भी अड़ी हुई थी।

सत्र खत्म होने तक निलंबित

PTI की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक, महाराष्ट्र विधानसभा ने सपा विधायक अबु आसिम आजमी की, मौजूदा बजट सत्र खत्म होने तक सदन की सदस्यता निलंबित कर दी है। आपको बता दें कि अबु आजमी समाजवादी पार्टी की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष हैं और मुंबई के मानखुर्द शिवाजी नगर निर्वाचन क्षेत्र से विधायक हैं। अबु आजमी के निलंबन के बाद सपा विधायक रईस शेख विधानसभा स्पीकर से मिलने वाले हैं। उन्होंने बताया है कि हम इस मामले पर कानूनी राय ले रहें है। विधानसभा कामकाज के रुलबुक का अध्ययन करेंगे, इसके बाद मीडिया के सामने अपना पक्ष रखेंगे।

औरंगजेब पर क्या बोले थे अबु आजमी?

अबु आजमी ने बीते सोमवार को कहा था- “गलत इतिहास दिखाया जा रहा है। औरंगजेब ने कई मंदिर बनवाए। औरंगज़ेब कोई क्रूर शासक नहीं थे। बनारस में जब एक पंडित की बच्‍ची के साथ उसके सिपहसालार ने बदतमीजी की करने की कोश‍िश की तो औरंगजेब ने उस सिपहसालार को दो हाथ‍ियों के बीच बंधवाकर मरवा डाला। बाद में उन पंड‍ितों ने औरगंजेब के ल‍िए मस्‍ज‍िद बनाकर भेंट क‍िया। वो अच्छे प्रशासक थे, जो उन्होंने किया वो सही किया। अगर कोई और राजा होता वो वो भी वही करता।” अबू आजमी ने ये भी कहा था- “औरंगजेब के शासन के दौरान भारत की जीडीपी 24% थी और देश “सोने की चिड़िया था। औरंगजेब उनके लिए गलत नहीं था। उसने कई मंदिर भी बनवाये थे। इतिहास में कई गलत चीज़े बताई गई हैं।” हालांकि, विवाद बढ़ने के बाद अबु आजमी ने कहा था कि अगर किसी को उनकी टिप्पणी से ठेस पहुंची है, तो वह अपने बयान और टिप्पणियां वापस लेते हैं।

पुलिस ने दर्ज किया है केस

मुंबई पुलिस ने अबु आजमी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 299 (धर्म या धार्मिक विश्वास का अपमान करके धार्मिक भावनाओं को आहत करने के इरादे से जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण तरीके से किया गया कार्य), धारा 302 (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से जानबूझकर बयान देना) और धारा 356 (1) एवं 356 (2) (मानहानि) के तहत मामला दर्ज किया है।


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