भू-माफियाओं द्वारा करोडो की भूमि पर कब्जे का प्रयास, विकास त्यागी की शिकायत पर डीएम ने लिया संज्ञान
- बजरंग दल नेता विकास त्यागी की शिकायत पर डीएम ने लिया संज्ञान, दिये जांच के आदेश
- दो अलग-अलग तिथियों में जारी हुए एक ही व्यक्ति के दो मृत्यु प्रणाम पत्र
- बजरंग दल नेता ने पुरे प्रकरण से मुख्यमंत्री कार्यालय को कराया अवगत
- मृतक का कोई नही है वारीश, मृतक की करोंडो की सम्पत्ति होगी सरकारी सम्पत्ति घोषित
देवबंद: बजरंग दल के पूर्व प्रांत संयोजक विकास त्यागी ने जिलाधिकारी डॉक्टर दिनेश चंद्र को पत्र सौंपकर देवबंद नगर में करोड़ों रुपए की भूमि को भू-माफियाओं से बचा कर दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई किए जाने की मांग की है। जिलाधिकारी ने मामले का संज्ञान लेकर देवबंद उपजिलाधिकारी को जांच सौंपी है।
संपत्ति हडपने के लालची लोगो ने नियम, कायदे कानूनों की सारी हदे पार करते हुए देवबंद के आम के एक बडे बाग मालिक शोएब पुत्र नसीबुद्दीन की 16 मई को संदिग्ध हालात में हुई मौत के चार दिन बाद 20 मई को मौहम्मद रईस पुत्र असलम अंसारी निवासी मौहल्ला बडजियाउलहक ने सोएब को जीवित दिखाकर उसकी करोडो की संपत्ति की वसीयत अपने नाम करा ली।
बजरंग दल के प्रांतीय नेता विकास त्यागी ने जिलाधिकारी सहारनपुर डा. दिनेश चंद्र को लिखित रूप से इस गंभीर गडबड घोटाले से अवगत कराया। पूरे मामले का अवलोकन करने के बाद डीएम ने विकास त्यागी द्वारा की गई गंभीर शिकायत की जांच एसडीएम देवबंद अंकुर वर्मा को सौंपी है। डीएम ने एसडीएम को फोन करके भी कहा कि इस मामले की निष्पक्ष और प्रभावी जांच 30 मई तक करके उनके पास भेजे। एसडीएम ने इस प्रकरण की जांच शुरू कर दी है।
बजरंग दल नेता विकास त्यागी ने इस मामले की जानकारी एसएसपी सहारनपुर डा. विपिन ताडा को भी दी है। विकास त्यागी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी सबूतों के साथ शिकायती पत्र मेल किया है।
विकास त्यागी ने रविवार को पत्रकारों को पूरे प्रकरण की जानकारी दी। देवबंद कोतवाली के ही बास्तम गांव निवासी विकास त्यागी ने बताया कि शोएब की 16 मई को देवबंद के रेलवे रोड स्थित प्रमुख चिकित्सक डा. डीके जैन के क्लीनिक पर मृत्यु हो गई थी। उसकी मृत्यु का प्रमाण पत्र डा. डीके जैन और वार्ड के सभासद और नगर पालिका देवबंद द्वारा जारी किया गया। 16 मई को ही उसे कब्रिस्तान में दफनाया गया। जिसका प्रमाण मौजूद है।
विकास त्यागी ने बताया कि 20 मई को मौहम्मद रईस पुत्र असलम अंसारी निवासी मौहल्ला बडजियाउलहक ने सोएब को जीवित दिखाकर उसकी करोडो की संपत्ति की वसीयत देवबंद उप निबंधक कार्यालय में उप निबंधक मौहम्मद आसिफ से अपने नाम पंजीकृत करा ली। दिलचस्प है कि शोएब का 23 मई को दूसरी बार निधन होना दिखा दिया। इस बार शोएब का मृत्यु प्रमाण उच्चीकृत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र देवबंद से लिया गया दिखाया। इस प्रमाण पत्र पर सीएचसी प्रभारी डा. अजय त्यागी के हस्ताक्षर है। इस संबंध में सीएमओ डा. संजीव मांगलिक ने रविवार को बताया कि डा. त्यागी आज अवकाश पर है। वह सोमवार में इस संबंध में उनका जवाब तलब करेंगे।
उप रजिस्टार मौ. आसिफ ने आज पूछने पर बताया कि वह अपना पक्ष लिखित में एसडीएम को दे रहे है। उनके यहां फर्जी बैनामें और वसीयतनामें होेना आमबात है। आए दिन जालसाज लोग इस तरह की हरकते करते रहते है। जिनका संज्ञान होने पर कानूनी कार्रवाई की जाती है। उन्हांेने इस मामले में शोएब के फोटो का मिलान करने के बजाए दो गवाहों की तस्दीक को ही पर्याप्त मानकर वसीयत पंजीकृत कर दी थी। उप निबंधक मौहम्मद आसिफ ने बताया कि वसीयत पर जुल्फकार पुत्र मासूम मौहल्ला सराय काहरान और शेर मोहम्मद पुत्र मुख्तार अहमद मौहल्ला बडजियाउलहक देवबंद के हस्ताक्षर है।
विकास त्यागी ने बताया कि मृतक शोएब का वास्तव में कोई भी वारिस नहीं है और वह अकेेले ही करोडो की संपत्ति का मालिक था। उन्होंने इस बात की भी जांच कराने की मांग की है कि कही ऐसा न हो कि फर्जी वसीयत कराने वालो ने ही तो शोएब की करोडो की संपत्ति हडपने के लिए उसकी हत्या करा दी हो। उन्होंने इस मामले की भी डीएम-एसएसपी से जांच कराने और मृतक के शव को कब्र से निकलवाकर उसका पोस्टमार्टम कराने की मांग भी की।