Assembly Polls 2021: नंदीग्राम विधानसभा- दीदी बनाम दादा की लड़ाई ने बदली नंदीग्राम की तस्वीर
कोलकाता । चुनाव तो पांच राज्यों केरल, तमिलनाडु, पुडुचेरी, असम व बंगाल में हो रहें हैं, लेकिन देशभर में चर्चा है तो बंगाल के नंदीग्राम की। क्या नंदीग्राम एक बार फिर बंगाल की सियासत में बड़े बदलाव का गवाह बनने जा रहा है? यह जानने के लिए यहां के मतदाताओं का मूड भांपना उतना आसान तो नहीं है, लेकिन चौक-चौराहों से लेकर दूर-सुदूर गांवों तक फागुनी बयार के साथ ‘जय श्रीराम’ के उद्घोष काफी कुछ कहानी बयां कर दे रहे हैं। यहां दीदी (ममता बनर्जी) को कभी उनके ही सबसे बड़े सेनापति रहे दादा (सुवेंदु अधिकारी) कड़ी टक्कर दे रहे हैं और इसकी गूंज पूरे बंगाल में ही नहीं, बल्कि देशभर में सुनी जा रही है।
बंगाल के पूर्व मेदिनीपुर जिले का नंदीग्राम आज से ठीक 14 साल पहले 14 मार्च, 2007 को देश ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बना था। यहां केमिकल फैक्ट्री के लिए जमीन अधिग्रहण किए जाने के खिलाफ पहले लोगों को भड़काया गया और फिर इस पर जमकर राजनीति हुई। 14 लोग पुलिस की गोली के शिकार बने थे। इसके बाद ममता बनर्जी ने सुवेंदु अधिकारी के साथ मिलकर ऐसा राजनीतिक बवंडर खड़ा किया था कि बंगाल की सत्ता पर काबिज वाम दल को बेदखल होना पड़ा। ममता मुख्यमंत्री बनीं और सुवेंदु उनके प्रमुख सेनापति। 14 मार्च, 2007 को मारे गए अपने 14 लोगों को नंदीग्राम हर साल नंदीग्राम दिवस के उपलक्ष्य में याद करता है। इस बार भी करेगा, लेकिन अब 14 साल बाद यहां की राजनीतिक परिस्थितियां करवट ले रहीं हैं।
नंदीग्राम के आंदोलन से ही सत्ता पर काबिज हुईं ममता बनर्जी को एक बार फिर बंगाल की गद्दी हासिल करने के लिए कभी उनके सेनापति रहे सुवेंदु से ही पार पाना होगा। नंदीग्राम में धरतीपुत्र की पहचान रखने वाले सुवेंदु भाजपा का दामन थामकर उन्हें चुनौती दे रहे हैं। आत्मविश्वास ऐसा कि ममता को 50 हजार वोटों से हराने की चुनौती दे रखी है। 70 फीसद हिंदू मतदाताओं वाले इस विधानसभा क्षेत्र में अब हर ओर एक ही चर्चा है, जय नंदीग्राम या जय श्रीराम।
ऐखोन किछु बोलबो ना. : एक बार फिर नंदीग्राम में देश भर के मीडिया का जमावड़ा लगा है। मतदाता यहां चौराहों पर चर्चा तो करते हैं, लेकिन बाहरी चेहरा या मीडिया का चोंगा देखकर तत्काल कहते हैं ऐखोन किछु बोलबो ना.. यानी अभी कुछ बोलेंगे नहीं। शायद वक्त की नब्ज टटोलने में लगे हैं।
विकास किया, पर किसने-यह पता नहीं
नंदीग्राम के बिरुलिया बाजार में एक चाय की दुकान पर बैठे मेघनाथ सरकार कहते हैं कि क्षेत्र के विकास से वह संतुष्ट हैं। काम तो हुआ है। किसने किया का जवाब है, ई तो पता नहीं (यह पता नहीं है)। दीदी मुख्यमंत्री थीं तो सुवेंदु दादा हल्दिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (एचडीए) के चेयरमैन। नंदीग्राम के विकास में एचडीए का अहम योगदान है। हाल में सुवेंदु ने इस पद से इस्तीफा दे दिया है। अब किसने काम किया, यह कैसे कहें।
वहीं, मौजूद एक सज्जन तपाक से कहते हैं, यह मुद्दा नहीं। जय श्रीराम। माहौल को भांपते हुए चाय दुकानदार असित पाल सहमे भाव से कहते हैं, यहां पार्टी पॉलिटिक्स पर चर्चा ठीक नहीं है।