नई दिल्ली । उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव-2022 की तैयारी में जुटे ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुसलमीन पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी को लगातार दूसरे दिन झटका लगा है। बुधवार को जहां वाराणसी में उनकी पार्टी के जिला अध्यक्ष समेत पूरी इकाई का कांग्रेस में विलय हो गया और एआइएमआइएम के प्रदेश सचिव अमान अख्तर के अगुवाई में पार्टी के बीस से ज्यादा पदाधिकारी कांग्रेस में शामिल हो गए। वहीं, दिल्ली से सटे गाजियाबाद में बृहस्पतिवार को हालात ऐसे बन गए कि असदुद्दीन ओवैसी को बिना भाषण दिए वापस लौटना पड़ा।
जागरण संवाददाता से मिली जानकारी के मुताबिक, AIMIM मुखिया असदुद्दीन ओवैसी बृहस्पतिवार को गाजियाबाद के मसूरी इलाके में पहुंचे। यहां पर उनका एक संबोधन पहले से तय था, जिसमें लोगों को आना था। इस दौरान असदुद्दीन ओवैसी को देखने और सुनने के लिए कार्यकर्ता और उनके साथ आए लोगों की भीड़ बेकाबू हो गई। हालात इतने खराब हो गए कि लोग एक-दूसरे पर गिर पड़े। इस दौरान कुर्सियां टूट गई और कुछ लोग चोटिल हो गए। अव्यवस्था देख ओवैसी बिना भाषण दिए ही कार्यक्रम स्थल से लौट गए। बताया जा रहा है कि अव्यवस्था देखकर असदुद्दीन ओवैसी इस कदर नाराज हो गए कि वह वापस लौट गए।
जाम लगने से वाहन चालक रहे परेशान
गौरतलब है कि असदुद्दीन ओवैसी अपनी पार्टी के धौलाना विधानसभा कार्यालय का उदघाटन करने के लिए बृहस्पतिवार सुबह मसूरी की फ्रेंडस कॉलोनी में पहुंचे थे। इस कारण एनएच- नौ पर ही कार्यकर्ताओं की भीड़ होने के कारण जाम भी लग गया। वाहन चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
एक मिनट में ही लौट गए असदुद्दीन ओवैसी
वहीं, मौके पर मौजूद पुलिस बल ने बमुश्किल कार्यकर्ताओं के बीच से असदुद्दीन ओवैसी को कार्यालय तक पहुंचाया। इस दौरान वहां भी कार्यकर्ता बेकाबू हुए और धक्का मुक्की करने लगे। यह देख महज एक मिनट में ही असदुद्दीन ओवैसी वहां से वापस लौट गए। पुलिस ने भीड़ को हटाकर जाम खुलवाया, जिसके बाद वाहन चालकों को राहत मिली।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनावों को लेकर सियासी सरगर्मियां बढ़ती गई हैं। पिछले दिनों ओमप्रकाश राजभर और असदुद्दीन ओवैसी की अगुवाई में 10 छोटी पार्टियों के गठजोड़ वाले ‘भागीदारी संकल्प मोर्चा’ ने सत्ता में भागीदारी का नया फॉर्मूला पेश करके राज्य की राजनीति में नए समीकरण गढ़ने की कोशिश की है। इस गठजोड़ के प्रमुख नेता ओमप्रकाश राजभर और असदुद्दीन ओवैसी हैं।
राजभर इस बाबत एलान कर चुके हैं कि अगर उनका मोर्चा सत्ता में आएगा तो 5 साल के दौरान 5 मुख्यमंत्री और 20 उपमुख्यमंत्री बनाए जाएंगे। इनमें चार अलग-अलग पिछड़ी और दलित जातियों से होंगे और एक साल के लिए मुस्लिम मुख्यमंत्री होगा।